अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच करवाएगी सरकार, सुप्रीम कोर्ट को देगी एक्सपर्ट्स के नाम

नई दिल्ली: अडानी-हिंडनबर्ग मामले में एक बार फिर सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सुनवाई की. इस दौरान सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा. उन्होंने अदालत से कहा कि यदि इस मामले की जांच के लिए अदालत एक्सपर्ट कमेटी गठित करना चाहती है, तो हमें (सरकार) कोई आपत्ति नहीं है.

रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडेनबर्ग रिपोर्ट के मामले में शीर्ष अदालत के कहने पर सरकार भी जांच के लिए विशेषज्ञ कमेटी के गठन को तैयार हो गई है. सरकार कमेटी के सदस्यों के नाम सीलबंद लिफाफे में बुधवार (15 फ़रवरी) तक अदालत में जमा कर देगी. इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी. इस दौरान केंद्र सरकार इस मामले पर अपनी दलीलों की सूचीबद्ध सारणी याचिकाकर्ताओं को भी देगी. सरकार ने अदालत से दस्तावेजों की गोपनीयता बनाए रखने का आग्रह किया है.

इस पर अदालत ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि कमेटी के लिए प्रस्तावित नामों की लिस्ट सीलबंद लिफाफे में जमा कर दी जाए. सरकार अन्य दलीलें भी याचिकाकर्ताओं को उपलब्ध कराए. सरकार ने सहमति जताई है कि इस मामले की जांच के लिए संबंधित विषयों की विशेषज्ञ कमेटी गठित करने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है. इस पर अदालत ने उनसे कमेटी सदस्यों के नाम का प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है. हालांकि दलीलों की कॉपी याचिका कर्ताओं को सौंपने के मुद्दे पर SG ने कहा कि नोट की गोपनीयता बरकरार रहनी चाहिए.

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