नई दिल्ली। हाल में मिली जानकारी में पता चला है कि सरकार ने गुरूवार को पवन हंस हेलिकाॅप्टर सेवा कंपनी में अपनी सभी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया है। जानकारी मिली है कि हिस्सेदारी बेचने के बाद ही सरकार पवन हंस का प्रबंध नियंत्रण भी स्थानांतरित करने की कार्रवाई को अंजाम देने वाली है। बताया गया है कि सरकार ने अपनी हिस्सेदारी बेचने का इसलिये फैसला लिया है ताकि हेलीकाॅप्टर सेवा कंपनी में रणनीतिक बिक्री को आगे बढ़ाया जा सके। जानकारी के मुताबिक संयुक्त उद्यम पवन हंस में सरकार की 51 प्रतिशत के अलावा ओएनजीसी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। हिस्सेदारी बेचने के लिये सरकार ने सौदा सलाहकार के रूप में काम करने की इच्छुक फर्मो से आवेदन मांगने की प्रक्रिया को शुरू किया है। बताया जाता है कि सरकार ने वर्तमान वित्त वर्ष के लिये 56,500 करोड़ रूपये विनिवेश का लक्ष्य रखा है। विमान में महिलाओं के लिये सीटों का आरक्षण विमान खरीदी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिए जांच के आदेश नोट बंदी के बाद अब 10-15 साल पुरानी गाड़ियों हो सकती हैं बैन