39 मौतों पर छः बार बदले सरकार के बयान

दिल्ली : 39 भारतीय ISIS के हाथों मारे जा चुके हैं. चार साल पहले इराक के मोसुल शहर से लापता हुए इन 39 लोगों की मौतों का खुलासा खुद केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सरकार की ओर से किया. मगर इन लोगों के बारे में पिछले  चार सालों में कई तरह के बयां सरकार की ओर से आये है जो हर बार एक दूसरे से भिन्न है. सरकार ने जयादातर बार बयान में कहा कि वह जिंदा है और सुरक्षित भी. मजदूरों के जिंदा रहने और सुरक्षित होने को लेकर सरकार ने संसद में करीब छह बार बयान भी दिया. ISIS ने भारतीयों को तब किडनैप किया था जब केंद्र में मोदी सरकार आई ही थी.

मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में बताया कि गायब हुए सभी भारतीयों के शव बरामद कर लिए गए हैं, और उनके डीएनए की भी जांच की जा चुकी है, उन्होंने यह भी बताया कि इनमें से 31 पंजाब के रहने वाले थे जबकि चार हिमाचल प्रदेश के निवासी थे। शेष चार पश्चिम बंगाल और बिहार के रहने वाले थे. सुषमा स्वराज ने कहा, ‘मैंने कहा था कि बिना ठोस सबूत के मैं किसी को मृत घोषित नहीं करूंगी. आज मैं अपना वह वादा पूरा करने आई हूं.  मैंने कहा था कि इस मामले का अंत पूरे सबूत के साथ ही होगा.’ विदेश मंत्री ने यह जानकारी लोकसभा में भी देनी चाही, लेकिन शोर-शराबे के चलते वह पूरा बयान नहीं दे पाईं.

हालांकि यह मालूम नहीं चल पाया है कि भारतीयों की हत्या कब की गई लेकिन मोसुल के उत्तर-पश्चिम में स्थित बदूश नामक गांव में एक सामूहिक कब्र से उनके शव मिले हैं. राज्यसभा में अपनी पहल पर दिए गए बयान में स्वराज ने कहा कि शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच का सहारा लिया गया. मारे गए भारतीयों के पार्थिव अवशेष को विशेष विमान से भारत लाया जाएगा और उनके संबंधियों को सौंप दिया जाएगा.

इराक में भारतीय बंधको की मौत पर मोदी ने दी सफ़ाई

मोदी ने देश की जनता को धोका दिया: कांग्रेस

लापता हुए 39 भारतीयों के बारे में सुषमा का बड़ा खुलासा

 

Related News