'बधिरों के मसीहा' को गूगल ने समर्पित किया इतना शानदार डूडल

Google हर बड़े मौके पर डूडल बनाता है और आज यानी 24 नवंबर को गूगल ने अपना डूडल चार्ल्स मिशल डुलिपि को समर्पित किया है. आपको बता दें चार्ल्स को 'फादर ऑफ द डीफ' यानी बधिरों का मसीहा भी कहा जाता है. आज चार्ल्स की 306वीं जयंती है और इस खास मौके पर गूगल ने बेहद शानदार डूडल बनाया है.

आपको बता दें मिशल का जन्म 24 नवंबर 1712 को फ्रांस के वर्साइल शहर में हुआ था. मिशल ने अपने जीवन में बधिरों के लिए काफी ज्यादा काम किया था. उन्होंने अपना पूरा जीवन बधिरों के लिए दुनिया का पहला साइन अल्फाबेट (इशारों में वर्णमाला) बनाने में लगा दिया. जानकारी के मुताबिक मिशल ने बधिर लोगों से बातचीत के लिए इशारों में वर्णमाला की एक पूरी प्रणाली तैयार की थी. इतना ही नहीं बल्कि चार्ल्स मिशल डुलिपि ने अपने खर्चों पर एक स्कूल भी खोला था. उन्होंने इस बारे में कहा था कि, 'मैंने खुद को समर्पित कर दिया है. यह अमीरों के लिए नहीं बल्कि पूर्ण रूप से गरीबों के लिए है.'

आपको बता दें चार्ल्स मिशल के कामों के लिए फ्रांस की संसद ने उन्हें Benefactor of Humanity (मानवता के हितकारी) के रुप में पहचान भी दी थी. चार्ल्स मिशल ने इशारों में बातचीत के महत्व को समझा और फिर उन्होंने बधिर लोगों के लिए अलग से वर्णमाला बना दी. चार्ल्स मिशल का ऐसा मानना था कि आम लोग जो बात कानों से सीखते या समझते हैं. बधिर लोगों को अपनी आंखों से सीखना चाहिए. आज का गूगल डूडल एनिमेटेड है जिसमे 6 लोग आपस में इशारों में बात कर रहे हैं. आप जैसे ही इस एनिमेशन पर क्लिक करते हैं तो चार्ल्स से जुड़ी स्टोरीज का पेज खुल जाता है. आपको बता दें चार्ल्स मिशल का निधन 77 साल की उम्र में 23 दिसंबर 1789 को पेरिस में हो गया था.

बड़ी समस्या में फंसा GOOGLE, इस फ़ोन में सामने आई बड़ी गड़बड़ी

GOOGLE DOODLE : 44 साल पहले आज ही के दिन भेजा गया था पहला रेडियो मैसेज

गूगल ने इतना ख़ास डूडल बनाकर दी बाल दिवस की शुभकामनाएं

Related News