2 वर्ष बाद भी परिवार को नहीं खोज पाई गीता

नईदिल्ली। पाकिस्तान से भारत आई मूक - बधिर लड़की गीता को अभी तक अपने परिवार की जानकारी नहीं मिल पाई है। वह लगभग 2 वर्षों से अपने परिजन को तलाश रही है लेकिन, उसके परिजन की कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। वह 26 अक्टूबर वर्ष 2015 को भारत आई थी। यहां आने के बाद उसने अपने परिजन को तलाशना प्रारंभ कर दिया।

वह मध्यप्रदेश के इंदौर क्षेत्र में मूक बधिरों के लिए संचालित की जाने वाली सरकारी संस्था में दो वर्षों से निवास कर रही है। गीता को भारत लाने के लिए ईधी फाउंडेशन ने प्रयास किए थे। अब फाउंडेशन के फैसल ईधी ने सुषमा स्वराज को पत्र लिखा। उन्होंने अपील की है कि, यदि गीता के परिजन को तलाशना हो तो फिर ज्ञानेंद्र पुरोहित की मदद ली जा सकती है।

जानकारी सामने आई है कि, पुरोहित गीता से सांकेतिक भाषा में चर्चा किया करते थे। गौरतलब है कि, इस मामले में जितेंद्र सिंह ने जनहित याचिका दायर की थी और कहा था कि सरकार गीता के परिजन को तलाशने में अधिक प्रयास नहीं कर रही है। सरकार ने उसे एक संस्था में छोड़ दिया है। उक्त संस्थान की संचालिका मोनिका पंजाबी ने इन बातों से इन्कार कर दिया है। 27 अक्टूबर को झारखंड से एक परिवार गीता से मिलने इंदौर पहुंच रहा है।

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