गंगा को जीवित इकाई का ओहदा - उत्तराखंड हाईकोर्ट

देहरादून. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को एक सुनवाई के दौरान कहा कि गंगा नदी देश की पहली जीवित नदी है और इसे वह ही अधिकार मिलने चाहिए, जो किसी व्यक्ति को मिलते है. हाईकोर्ट के इस निर्णय के मायने ये हुए कि यदि कोई गंगा नदी को प्रदूषित करता है तो उस पर उसी हिसाब से कार्रवाई की जाएगी, जो किसी व्यक्ति को नुकसान पहुचाने पर की जाती है.

हाईकोर्ट ने गंगा नदी यानी जीवित इकाई करार किया है. गंगा को धर्मग्रंथो में सबसे पवित्र नदी का दर्जा दिया गया है, इसलिए हम इसे जीवित इकाई के तौर पर देख रहे है. इसका अर्थ है की गंगा को अब वही अधिकार मिलेंगे जो देश का कानून और संविधान किसी व्यक्ति को देता है. सामान्य भाषा में कहें तो यदि कोई व्यक्ति गंगा नदी को प्रदूषित करता है तो उसके खिलाफ वैसे ही कार्रवाई की जाएगी जो किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने पर की जाती है.

साथ ही हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को ऑर्डर दिया कि वो गंगा की सफाई और मेंटेनेंस के लिए गंगा एडमिनिस्ट्रेशन बोर्ड बनाए. हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि गंगा को आने वाली जनरेशंस के लिए बचाना जरूरी है.

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