गणेश विसर्जन के है 3 शुभ मुहूर्त, इस विधि से करें विसर्जित

हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व होता है। जी हाँ और कहा जाता है इसी दिन भक्त अपने घरों में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं। उसके बाद भक्त अगले 10 दिनों तक विधि पूर्वक इनकी पूजा अर्चना करते हैं। अंत में अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा का विसर्जन करते हैं। जी दरअसल धार्मिक मान्यता है कि विधि पूर्वक इनका विसर्जन करने से साल भर भक्तों के घर में कोई संकट नहीं आता है। इसी के साथ घर परिवार में धनागमन बना रहता है। अब हम आपको बताते हैं कब करें गणेश मूर्ति का विसर्जन और कैसे करें?

कब करें गणेश मूर्ति का विसर्जन- इस बार गणेश विसर्जन के लिए 3 बार शुभ मुहूर्त बन रहा है। जी दरअसल पंचांग के मुताबिक गणेश विसर्जन 9 सितंबर को होगा। गणेश विसर्जन का पहला शुभ मुहूर्त 9 सितंबर को सुबह 03 बजे से सुबह 10:44 बजे तक। गणेश विसर्जन का दूसरा शुभ मुहूर्त 12 बजकर 18 मिनट से लेकर 1 बजकर 52 मिनट तक। तीसरा शुभ मुहूर्त शाम 5 बजे से शाम 6 बजकर 31 बजे तक। 

ऐसे करें गणेश जी का विसर्जन- हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, गणपति विसर्जन के दिन भगवान गणेश की विधि विधान से पूजा अर्चना करें। पूजा के दौरान उन्हें उनकी प्रिय चीज दूर्वा, हल्दी, कुमकुम,माला नारियल और अक्षत अर्पित करें। अब उनको मोदक, लड्डू आदि का भोग लगायें। धूप, दीप और अगरवत्ती जलाकर ऊं गं गणपतये नमः: का जाप करें। अब आप एक साफ़ चौकी को गंगा जल से पवित्र कर उस पर स्वास्तिक का चित्र बनाएं और उस पर अक्षत डालें। इसके बाद इस पर लाल या पीला कपडा बिछा लें। चौकी के चारों किनारे सुपारी रखें। अब इस मूर्ति को इस चौकी पर रखें। इसे किसी नदी या पोखरे के किनारे ले जाकर विसर्जित करें। विसर्जन करने के पहले कपूर से गणेश जी की आरती करें। अब गणपति जी को विदा करते समय अगले साल आने की कामना करते हुए निवेदन भी करें।

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