गाँधी जयंती स्पेशल : ये था गाँधीजी के फिट रहने का राज, जाने उनका खानपान

कल 2 अक्टूबर 2019 को पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का जश्न मनाएगा।वे हमारे  राष्ट्रपिता माने जाते है जिन्होंने देश को आज़ादी दिलाई थी।   गांधी जी शाकाहारी थे और अपने जीवन के एक वक्त में उन्होंने चाय और कॉफी तक का त्याग कर दिया था। खान-पान के साथ गांधी जी ने जितने प्रयोग किए शायद ही दुनिया के किसी शख्स ने आहार के साथ इतने और ऐसे प्रयोग किए होंगे। महात्मा गांधी जहां चीनी के सेवन से परहेज करते थे वहीं फलों के राजा आम के प्रति अपनी तृष्णा से परहेज नहीं कर पाते थे। अपने कई लेखों में महात्मा गांधी ने इस अतिरेक के लिए अफसोस जताया है।

उनके मनपसंद फल की बात करे तो महात्मा गांधी को आम बेहद पसंद था। कुछ कारणों  के चलते गांधी जी ने दूध का सेवन भी बंद कर दिया था। कस्तूरबा गांधी के कहने पर महात्मा गांधी बकरी का दूध पीने के लिए राजी हुई थे।  गांधी जी को पता था कि उनके पसंदीदा फल और सब्जियों में प्राकृतिक तौर पर नमक होता है इसलिए वह अपने भोजन में अतिरिक्त नमक लेने से परहेज करते थे।  स्लेट के मुताबिक, महात्मा गांधी ने 1911 से ही नमक फ्री डाइट लेनी शुरू कर दी थी।  हालांकि 1920 के बाद गांधी जी ने अपने डाइट में हल्का नमक लेना शुरू किया था। वह अपनी डाइट में प्रति दिन 30 ग्रेन (दाने) से ज्यादा नमक नहीं लेते थे। 

महात्मा गाँधी जी के फ़ूड हैबिट्स या फ़ूड क्वांटिटी के बात करे तो वह अपनी डाइट में 8 टोल अंकुरित गेहूं, 8 टोल बादाम पेस्ट के लिए, हर पत्ते के 8 टोल, छह खट्टे नींबू और 2 औंस शहद लेते थे। गांधी जी अपना पहला भोजन 11 बजे और दूसरा शाम को 6:15 बजे लेते थे। गांधी जी दिन में शहद और नींबू के साथ गर्म पानी लेते थे। गांधी जी ने आजादी मिलने से पहले कई उपवास रखे। आजादी के लिए संघर्ष के दौरान महात्मा गांधी ने 17 बार उपवास रखा और उनका सबसे लंबा उपवास 21 दिन का था। महात्मा गांधी ने 1913 से लेकर 1948 यानी की आजादी मिलने के बाद भी उपवास रखा।

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