नहाय खाय से होती है पावन पर्व 'छठ' की शुरुआत

सूर्य उपासना का एक मात्र पर्व है छठ. मूलरूप से पूर्वोत्तर भारत में बनाया जाने वाला ये लोकपर्व आज भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में धूमधाम से बनाया जाता है. हिन्दू धर्म का सबसे पवित्र पर्व छठ, इस्लाम के साथ-साथ अन्य धर्मों में भी मनाया जाने लगा है. छठ पूजा चार दिनों तक बनाया जाता है. इस पावन पर्व की शुरुआत होती है नहाये खाय से. जबकि दुसरे दिन होता है खरना, तीसरे दिन होता है संध्या अर्घ्य और चौथे दिन होता है उषा अर्घ्य यानी उगते सूर्य को अर्घ देना.

कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को छठ पर्व का पहला दिन ‘नहाय-खाय’ के रूप में मनाया जाता है. नहाय खाय के दिन सबसे पहले घर की साफ सफाई कर पूरी तरह पवित्र किया जाता है. इस पर्व में साफ़ सफाई को काफी अहम माना जाता है. घर की सफाई के बाद छठव्रती स्नान कर पवित्र तरीके से बनाये गए सुध शाकाहारी भोजन को ग्रहण कर छठ व्रत की शुरुआत करते है. इसमें ख़ास बात यह होती है कि घर के सभी सदस्य व्रति के भोजन करने के बाद ही अन्न ग्रहण करते हैं. भोजन के रूप में चने की दाल के साथ कद्दू-दाल और चावल ग्रहण करने का प्रावधान बताया जाता है.

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