कृषि कानून: किसान बोले - सुनने को तैयार नहीं है सरकार, कमज़ोर करना चाहती है आंदोलन

नई दिल्ली: केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु और टिकरी सीमा पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 15वें दिन भी बदस्तूर जारी है। सरकार के साथ आर-पार की जंग का ऐलान कर चुके किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी हालत में झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगे मानने का आग्रह किया है। किसानों को आशंका है कि इन कानूनों की वजह से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ख़त्म हो जाएगी।

एक किसान ने कहा कि सरकार अब भी लोगों की बात सुनने को राजी नहीं है। लोगों के ऊपर क्या प्रभाव पड़ रहा है, उन्हें क्या समस्याएं आ रही हैं, उस पर सरकार जरा भी ध्यान नहीं दे रही है। सरकार जानबूझकर जिद पर अड़ी हुई है।  भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता मंजीत सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा किसानों के आंदोलन को कमजोर करने की है, किन्तु हम ऐसा नहीं होने देंगे। जल्द ही कई और किसान आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आ रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक, सिंघु सीमा पर डटे किसानों ने बुधवार को केंद्र सरकार की तरफ से भेजे गए एक प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज कर दिया। किसानों ने घोषणा की है कि पूरे देश में रोज प्रदर्शन होंगे। पंजाब, हरियाणा, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 14 तारीख को धरने दिए जाएंगे, जो धरने में हिस्सा नहीं लेगा, वो दिल्ली की तरफ कूच करेगा। 12 तारीख को जयपुर-दिल्ली हाईवे रोका जाएगा और 12 तारीख को एक दिन के लिए पूरे देश के टोल प्लाजा निःशुल्क कर दिए जाएंगे।

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