नाग पंचमी : देशभर में प्रसिद्ध है नागदेवता के ये 3 मंदिर

हिंदू धर्म में नाग देवता को एक विशेष स्थान प्राप्त है। नाग देवता के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पूर्णतः नाग देवता को ही समर्पित है। इस तिथि को नागपंचमी के रूप में मनाया जाता है। तो आइए आज जानते हैं नाग देवता के 3 ऐसे मंदिरों के बारे में जो पूरे देश में प्रसिद्द है। 

1 नागचंद्रेश्वर मंदिर 

उज्जैन के ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के परिसर में यह मंदिर बना हुआ है। ख़ास बात यह है कि यह मंदिर साल में केवल एक बार बस नागपंचमी के दिन ही खुलता है। मंदिर में नाग पर आसीन भगवान शिव और माता-पार्वती जी की प्रतिमा है। यह प्रतिमा काफी अद्भुत दिखाई पड़ती है।

2 मन्नारसला नागराज मंदिर 

केरल के अलप्पुझा जिले के हरीपद गांव में यह मंदिर घने जंगलों के बीच में बना हुआ है। मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते पर पेड़ों में 30 हजार से अधिक सांपों की आकृतियां देखने को मिलती है। इसकी विशेषता यह है कि इस मंदिर में नाग देवता के साथ उनकी पत्नी नागयक्षी भी विराजित है।  

3 धौलीनाग मंदिर 

यह मंदिर उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद में यह मंदिर मौजूद है। इसे धौलीनाग मंदिर के नाम से जाना जाता है। यह प्रतिदिन नाग देवता का पूरे विधि-विधान के साथ पूजन किया जाता है। 

कैसे मनाते हैं नागपंचमी ?

नागपंचमी का त्यौहार पूरे देश में मनाया जाता है। इस दिन घर की देहली पर नाग देवता के लिए दूध रखा जाता है और घरों के मुख्य द्वार पर नाग की प्रतिमा या उनका चित्र बनाया जाता है। लोग नागपंचमी के दिन विधिवत रूप से नागदेवता की पूजा करते है और कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। नाग पंचमी के त्यौहार के मनाए जाने की मान्यता सदियों पुरानी बताई जाती है। 

 

 

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