इस मशहूर एक्टर ने भारतीय एजुकेशन सिस्टम को बताया फ्रॉड, कहा- 'क्रांतिकारी परिवर्तन की जरूरत है'

बॉलीवुड के सीरियल किसर इमरान हाशमी जल्द ही अपनी फिल्म 'वाय चीट इंडिया' में नजर आने वाले हैं. इस फिल्म में इमरान का ऐसा अवतार दिखने वाला है जो आज तक आपके पहले कभी नहीं देखा होगा. उनकी ये फिल्म पिछले काफी समय से कारण चर्चा में हैं. आपको बता दें ये फिल्म 18 जनवरी को रिलीज होगी. हाल ही में इमरान ने हाल ही मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि उनकी फिल्म इस विषय पर आधारित है. इतना ही नहीं इस दौरान तो इमरान ने देश के एजुकेशन सिस्टर पर भी सवाल उठाए.

सूत्रों की माने तो इमरान ने कहा कि, "मैं ऐसे लोगों को जानता हं जो कुछ न करके भी 95 फीसदी तक मार्क्स पाते हैं. फेक डिग्री पाकर डॉक्टर-इंजीनियर बन जाते हैं. आपको पता नहीं होता कि जो डॉक्टर आपको प्रिसक्रिप्शन लिख रहा है, वह क्वालिफाइड नहीं है. इसी बारे में हमारी फिल्म वाय चीट इंडिया है." इमरान हाशमी ने आगे ये भी बताया कि, "हमारा एजुकेशन सिस्टम मूल रूप से फ्रैक्चर्ड और फ्रॉड है. इसे बदलने के लिए क्रांतिकारी परिवर्तन की जरूरत है. आप अपनी जिंदगी के 10 साल सिर्फ फैक्ट चेक करने में बिता देते हैं. आज लगभग हर राज्य में संगठित रूप से चीटर्स माफिया काम कर रहे हैं. आपको हो सकता है इसकी कोई जानकारी न हो. बहुत से अयोग्य स्टूडेंट चीटिंग माफिया को पैसा देते हैं और वे उन्हें डॉक्टर, इंजीनियर बनाते हैं. वे घर बैठे एग्जाम देते हैं, कमाल के नंबर पाते हैं."

इस दौरान इमरान ने बताया कि उनकी फिल्म का नाम रिलीज से पहले चेंज हो गया और इसे चेंज कराने के पीछे क्या लॉजिक है, ये उन्हें अब तक समझ नहीं आया. इमरान ने तो सेंसर बोर्ड को सेंसलेस सेंसर बोर्ड का नाम दें दिया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पहले इमरान की फिल्म का नाम चीट इंडिया था लेकिन फिर इसे गुरुवार को बदलकर वाय चीट इंडिया कर दिया गया.

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