दशहरे के दिन अवश्य पढ़ना चाहिए रामायण के यह श्लोक

आप सभी को बता दें कि हिंदू धर्म में पूजा पाठ का विशेष महत्व होता हैं, इसी के साथ धार्मिक कथाओं की माने तो प्रभु श्री राम को श्री हरि विष्णु भगवान का सातवां अवतार कहा गया है. कहते हैं इस अवतार में भगवान श्री विष्णु ने समस्त लोकों को मित्रता और मर्यादा में रहने का संदे प्रदान किया था और श्री राम अवतार में भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता हैं.

ऐसे में भगवान श्री राम की महिमा का गुणगान सभी करते हैं और प्रभु श्री राम की समस्त महिमा का गुणगान रामचरितमानस यानि की रामायण में वर्णित हैं. इसी के साथ ऐसी मान्यता है कि रामायण के कुछ श्लोकों के पाठ से ही जीवन सफल हो जाता हैं और अगर दशहरा पर्व के दिन उन्हें पढ़ लिया जाए तो सब सफल हो जाता है. ऐसे में प्रभु श्री राम ने रावण का वध कर राक्षस कुल का नाश किया था और इस दिन अगर रामायण के इन श्लोकों का पाठ किया जाएं तो समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती हैं. इसी के साथ भगवान श्री राम का आशीर्वाद भी मिल जाता हैं। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं रामायण के श्लोकों के बारे में जिनके पाठ से आपके सभी कष्ट कट जाएंगे.

रामायण के श्लोक- 

कवन सो काज कठिन जग माहीं। जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं॥ राम काज लगि तव अवतारा। सुनतहिं भयउ पर्बताकारा॥

जे सकाम नर सुनहि जे गावहीं | सुख सम्पति नाना बिधि पावहिं ||

'जिमि सरिता सागर महुं जाही। जद्यपि ताहि कामना नाहीं।। तिमि सुख संपति बिनहिं बोलाएं। धरमसील पहिं जाहिं सुभाएं।।

हनूमान तेहि परसा कर पुनि कीन्ह प्रनाम। राम काजु कीन्हें बिनु मोहि कहाँ बिश्राम ॥

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