नशा मुक्ति केंद्र बना नशे के गोरखधंधे का केंद्र

जालंधर : एक और जहा केंद्र और राज्य सरकारें नशा मुक्ति के लिए प्रयासरत हैं वही जालंधर के सिविल अस्पताल में ही नशे का कारोबार खूब फल फूल रहा हैं. ताज्जुब इस बात का भाई हैं की पुलिस चौकी से चंद कदम की दुरी पर और अस्पताल के निजी सुरक्षा कर्मियों की नाक के निचे ये गोरख धंधा चल रहा हैं. अपराधियों के दिमाग की दाद देने पड़ेगी की उन्होंने इस काम के लिए पुलिस चौकी और नशा छुड़ाओ केंद्र के बीच ओएसटी सेंटर के इलाके जैसी सबसे महफूज जगह को चुना गया.

ओपिएड सब्टीट्यूशन थेरेपी (ओएसटी) सेंटर में आने वालों में से ही कुछ लोग सरकारी दवा का गलत इस्तेमाल उन लोगो पर ही कर रहे हैं जो सेंटर में नशामुक्ति का इलाज करवाने आते हैं. इतना सब होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन व पुलिस इस मामले के प्रति कोई गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं. वही कुछ अच्छे लोग इसी माहौल में ड्यूटी करने को मजबूर हैं.

दवा लेने आने वाले एक युवक ने बताया कि ओएसटी सेंटर में गोलियां पीस कर कागज के टुकड़े पर डाल स्टाफ सदस्य क्लाइंट के मुंह में डाल देता है. इसके बाद वह मुंह दबा कर तुरंत नीचे आकर दूसरे कागज पर उंगली से मुंह से निकाल कर पुड़ी बना लेता है. इसके बाद वह इसे मात्रा के अनुसार 100-200 रुपये में बेच रहे हैं.

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