इस जगह पर परमाणु हथियारों की रक्षा करती है डॉल्फिन और समुद्री शेरों की फौज

किसी भी देश में आमतौर पर खुफिया ठिकानों या फिर संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा का जिम्मा सेना के हाथ में होता है, लेकिन दुनिया में एक ऐसी भी जगह है, जहां परमाणु हथियारों का सबसे बड़ा भंडार है और उसकी सुरक्षा करती हैं डॉल्फिन मछलियां. जी हां, यह हैरान करने वाली बात तो है, लेकिन बिल्कुल सच है. असल में इसके पीछे एक बड़ी वजह है, जिसके बारे में शायद ही कोई आम आदमी सोच पाए. आज हम इसके बारे में आपको बताने जा रहे है. 

यह जगह अमेरिका के सिएटेल शहर से करीब 20 मील की दूरी पर है. दरअसल, यहां अमेरिकी नेवी का बेस कैंप है, जिसे 'नेवल बेस किटसैप' कहते हैं. यह जगह दुनियाभर में इसलिए मशहूर है, क्योंकि अमेरिका के करीब एक चौथाई परमाणु हथियार यहीं पर रखे हुए हैं. यहां इतनी मात्रा में परमाणु हथियार हैं कि एक झटके में कई देशों का सफाया हो जाए. इसी कारण से इस जगह को दुनिया में परमाणु हथियारों का सबसे बड़ा भंडार कहते हैं. अमेरिका ने अपने इस परमाणु भंडार की रक्षा के लिए इंसान या मशीन नहीं बल्कि डॉल्फिन और सी लॉयन की एक बड़ी फौज रखी है. इस अनोखी फौज में करीब 85 डॉल्फिन और 50 समुद्री शेर हैं. इन्हें खासतौर पर परमाणु हथियारों की रक्षा के लिए कैलिफोर्निया स्थित एक प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षित किया गया है.  

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डॉल्फिन और समुद्री शेरों के शरीर में एक बाइट प्लेट फिट कर दी जाती है. अगर कोई घुसपैठिया समुद्री रास्ते से परमाणु हथियारों के पास जाने की कोशिश करता है तो ये समुद्री जीव उसके पैर से जाकर टकराते हैं, जिससे प्लेट उनकी टांग में चिपक जाती है और वो तब तक उसे बाहर नहीं निकाल सकता है, जब तक कि उससे संदेश समुद्री जीवों के हैंडलर तक नहीं पहुंच जाता. इससे घुसपैठिये पर नजर रखी जाती है और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई भी की जाती है. दरअसल, डॉल्फिन और समुद्री शेरों को यह काम इसलिए सौंपा गया है, क्योंकि डॉल्फिन के अंदर खूबी होती है कि वो समुद्र के काफी नीचे की चीजों का भी पता लगा सकती है. इसके अलावा समुद्री शेरों की सुनने और देखने की क्षमता बहुत अधिक होती है. वह समुद्र की गहराई में, जहां सिर्फ अंधेरा ही होता है, वहां भी ये देख सकते हैं. यही वजह है कि इन्हीं दो समुद्री जीवों को परमाणु हथियारों की सुरक्षा का काम सौंपा गया है.

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