आज जरूर करें श्री विष्णु की स्तुति, दूर होगी हर बाधा

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। प्रत्येक वर्ष कुल 24 एकादशी तिथियां आती हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है। इसे डोल ग्यारस एवं जलझूलनी एकादशी भी कहा जाता है। परिवर्तिनी एकादशी व्रत इस वर्ष भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 25 सितंबर सोमवार को प्रातः 07:55 से प्रारंभ होगी और 26 सितंबर, मंगलवार को प्रातः 5 बजे समापन होगा। ऐसे में 25 सितंबर को गृहस्थ वाले व्रत रखेंगे तथा 26 सितंबर को वैष्णव एकादशी व्रत रखेंगे। वही आज प्रभु श्री विष्णु की स्तुति जरूर करें। यदि आप पूरे भाव से इस मंत्र स्तुति का जाप करेंगे तो निश्चित ही श्रीहरि नारायण आप पर प्रसन्न होकर हर क्षेत्र में विजयी होने का आशीर्वाद देंगे। आइए जानें पवित्र विष्णु स्तुति-   विष्णु स्तुति :- शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्। लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्।।   यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे:। सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा:। ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम:।।

श्री विष्णु स्तुति काव्यार्थ: जिनु आकृति अति शांतिस्वरूपा, जगत आधारहि देवहि भूपा । शयन शेष करतु विश्रामा, पंकज नाभिन वर्णई श्यामा ॥ सुन्दर रूप योगीजन ध्यावत, गगन समान सर्वत्रही छावत । जन्ममृत्यु जय भय नाशक, सकल लोकनाथ बन्दउ दासक ॥ लक्ष्मीपति कमलनैन भगवाना, विष्णुअई प्रणाम विनय कइ नाना । ब्रह्मा शिव वायु इन्द्र मरुद्गण स्तुति गावत, दिव्यई स्तोत्र करहि रिझावत ॥ सामवेद गावतु जिन अंगा, पद क्रम गाइ उपनिषद वेदहि संगा । प्रसन्न चित दरशतु योगीजन ध्याय, सौरभ नमामि नारायण देव असुर अंत न पाय ॥

डोल ग्यारस पर बन रहे है ये 4 शुभ संयोग, जानिए इस व्रत का महत्व

आज रात कर लें ये उपाय, घर में कभी नहीं होगी धन की कमी

गणेश उत्सव के दौरान जरूर करें श्री गणेश चालीसा का पाठ, मिलेगा भारी फायदा

 

Related News