वरुथिनी एकादशी पर ना करें ये गलतियां, वरना भुगतना पड़ेगा भारी अंजाम

वैशाख माह का आरम्भ 24 अप्रैल 2024 से हो रहा है. वैशाख माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है. ये प्रभु श्री विष्णु को प्रसन्न करने का सबसे पुण्यदायक व्रत माना जाता है. समस्त कष्ट, दुख एवं दरिद्रता से मुक्ति पाने के लिए वरुथिनी एकादशी के दिन प्रभु श्री विष्णु के वराह रुप की पूजी की जाती है. वही इस वर्ष 4 मई 2024 को वरुथिनी एकादशी का व्रत किया जाएगा. जो मनुष्य इस बरूथिनी एकादशी का उपवास करते हैं, उन्हें कन्यादान का फल मिलता है. वही इस दिन कुछ कार्य करने की मनाही होती है...

ना करें ये काम इस अवसर पर मनुष्य को भूल कर भी गंदे वस्त्र नहीं धारण करना चाहिए। व्रत करने से पहले तामसिक चीजों का सेवन न करें। विशेषकर मांस, मछली, प्याज, लहसुन, धूम्रपान, आदि से दूर रहें। यदि आप इस व्रत को करना चाहते हैं, तो एक दिन पहले से चावल खाना बंद कर दें। इस दिन तुलसी के पत्ते को भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए। अन्यथा, इससे घर में दरिद्रता आती है। दरअसल, एकादशी के मौके पर माता तुलसी की भी पूजा अर्चना की जाती है, इसलिए भूल कर भी यह गलती ना करें। एकादशी का व्रत करने वाले भक्तों को इस दिन अपने बाल नहीं धोने चाहिए। आप इसके एक दिन पहले बाल धोकर साफ कर लें। प्रयास करें की व्रत के दिन किसी भी मनुष्य के साथ ना सोए। इसके अतिरिक्त, झगड़ा-लड़ाई, गाली-गलौज से बचकर रहें। ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक, एकादशी व्रत करने वाले जातकों को दोपहर में नहीं सोना चाहिए।

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