झांझरिया का खुलासा, गोल्ड मैडल जीतने के लिए हुई थी डील

नई दिल्ली : रियो पैरालंपिक में भारत के लिए गोल्ड मैडल जीतने वाले जेवलिन थ्रोअर देवेंद्र झांझरिया ने अपनी इस जीत के पीछे की प्रेरणा के बारे में बताया है। उन्होंने अपनी छह साल की बेटी के साथ हुई "डील" के बारे में खुलासा किया, जिसने उन्हें पैरालंपिक में रिकॉर्ड दूसरा स्वर्ण पदक जीतने के लिए प्रेरित किया।

राजस्थान में झांझरिया के साथ ट्रेनिंग के लिए गई जिया का अपने पिता के साथ समझौता हुआ था कि अगर वह अपनी एलकेजी परीक्षा में टॉप करती है तो वह पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर लाएंगे। झांझरिया ने रियो से कहा, "उसने गर्व के साथ फोन कर मुझे बताया कि मैंने टॉप किया है और अब आपकी बारी है।

ओलंपिक स्टेडियम में जब मैं मैदान पर उतरा तो यह बार-बार मेरे कानों में गूंज रहा था। उसे सबसे ज्यादा खुशी होगी। मैं उसके उठने का इंतजार करूंगा और उससे बात करूंगा। झांझरिया पूरी रात नहीं सोए और रियो में सुबह पांच बजे तक अपने परिवार के सदस्यों और शुभचिंतकों से बात करते रहे। प्रत्येक भारतीय को धन्यवाद देते हुए झांझरिया ने कहा, "अब क्या सोना, अब हमें कुछ नहीं होगा। हम तो राष्ट्रीय ध्वज के साथ जश्न मनाएंगे।"

देवेन्द्र ने भारत की झोली में डाला सोना

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