देवउठनी एकादशी के दिन दोहराये यह लोक कहावत, खुश हो जाएंगे भगवान विष्णु

इस साल देवउठनी एकादशी 8 नवंबर को आ रही है और इस दिन भगवान विष्णु विश्राम से जागते हैं और सृष्टि का कार्य-भार संभालते हैं. ऐसे में इस एकादशी में सभी मंगल कार्य शुरू कर दिए जाते हैं और इस दिन तुलसी विवाह किया जाता है. ऐसे में आप सभी को बता दें कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में 4 माह शयन के बाद जागते हैं और भगवान विष्णु के शयनकाल के चार महीने में विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं. तो आइए आज जानते हैं इस दिन शंख, घंटा-घड़ियाल आदि बजाकर क्या कहकर भगवान विष्णु को उठाना चाहिए.

भगवान विष्णु को शंख, घंटा-घड़ियाल आदि बजाकर उठाना चाहिए और लोक कहावत दोहराना चाहिए-

1. उठो देवा, बैठो देवा, आंगुरिया चटकाओ देवा, नई सूत, नई कपास, देव उठाएं. देव उठाएं भाग्य जगावे... उठो देवा, बैठो देवा... 2. उठो देव सांवरा, भाजी बोर आंवला, सांटा(गन्ना) की झोपड़ी और शंकर जी की यात्रा अर्थात् सांवले सलोने भगवान विष्णु जी आप अपनी नींद से जागिए, भाजी, बेर और आंवले का भोग लीजिए और शंकर जी को कैलाश की यात्रा की अनुमति दीजिए, सृष्टि का भार आप संभालिए....

* आप सभी को बता दें कि देवउठनी एकादशी के दिन दान, पुण्य आदि का भी विशेष लाभ प्राप्त होता है और देवउठनी एकादशी मंत्र यह है- ''उत्तिष्ठो उत्तिष्ठ गोविंदो, उत्तिष्ठो गरुणध्वज. उत्तिष्ठो कमलाकांत, जगताम मंगलम कुरु..''

* इसका अर्थ है कि ''जगत के पालनकर्ता भगवान विष्णु आप उठिए और मंगल कार्य की शुरुआत कीजिए.''

* देवउठनी एकादशी व्रत मुहूर्त- 7 नवंबर 2019 प्रात: 09:55 से 8 नवंबर 2019 को रात 12:24 तक

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