इस दिग्गज अभिनेता ने फिल्मों में आने के लिए छोड़ दी थी मिलट्री की नौकरी

हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार अभिनेता देवानंद भले ही अब इस दुनिया में ना हो लेकिन वो आज भी लोगों के जहन में बसे हुए हैं. देवानंद साहब की आज उनकी पुण्यतिथि है. आज ही के दिन यानी 3 दिसंबर 2011 को उन्होंने लन्दन में दम तोड़ दिया था. आपको बता दें देव आनंद का जन्म 26 सितंबर साल 1923 को पंजाब के गुरदासपुर जिले में हुआ था. उनका असली नाम देवदत्त पिशोरीमल आनंद था और उनका बचपन से ही झुकाव अभिनय की ओर था.

देवानंद के पिता पेशे से वकील थे. देव आनंद ने अंग्रेजी साहित्य में अपनी स्नातक की शिक्षा लाहौर के मशहूर गवर्नमेंट कॉलेज से पूरी की थी. वो आगे भी पढऩा चाहते थे लेकिन पैसो की परेशानी के चलते उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी. इसके बाद मेहनत और लगन के जरिए मिलट्री सेंसर ऑफिस में नौकरी मिली थी लेकिन उन्होंने एक्टिंग के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी थी. इसके बाद देवानंद ने फिल्मों की ओर अपना रुख किया. साल 1943 में अपने सपनों को साकार करने के लिए जब वह मुंबई पहुंचे. देव आनंद ने मुंबई पहुंचकर रेलवे स्टेशन के समीप ही एक सस्ते से होटल में कमरा किराए पर ले लिया. जहाँ उनके साथ तीन अन्य लोग भी रहते थे जो उनकी तरह ही फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे.

मुंबई आने के तीन साल बाद यानी 1946 में फिल्म 'हम एक हैं' से देवानंद ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था. पहली ही फिल्म से देवानंद को दर्शकों ने पसंद करना शुरू कर दिया था. इसके बाद उन्होंने ने इंडस्ट्री को ज‍िद्दी, हमसफर, बम्बई का बाबू, हरे रामा हरे कृष्णा , मिस्टर प्राइम मिनिस्टर, अमन के फरिश्ते जैसी एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं. आज भले ही वो इस दुनिया में ना हो लेकिन अपने सभी शानदार किरदार के वो हमेशा ही हिंदी सिनेमा में अमर रहेंगे.

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