चाचा शरद पवार के गढ़ में डिप्टी सीएम अजित ने दिखाया दम, जनता ने किया भव्य स्वागत

बारामती: महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल होने और उससे अलग होने के बाद अपनी पहली यात्रा पर NCP नेता अजित पवार का शनिवार को बारामती में भव्य स्वागत किया गया, जो उनका विधानसभा क्षेत्र है और पार्टी प्रमुख और चाचा शरद पवार का गढ़ भी है। सफेद कुर्ता पायजामा और मैचिंग पगड़ी पहने अजित पवार पर फूलों की वर्षा की गई और उन्हें एक बड़ी माला भेंट की गई। उन्होंने एक वाहन में रोड शो भी निकाला और रैली स्थल तक जाते समय लोगों का हाथ जोड़कर स्वागत किया, जहां उनका जबरदस्त अभिनंदन किया गया।

बता दें कि, एक बड़े उलटफेर में अजीत पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत करते हुए पिछले महीने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जबकि उनके साथी NCP के आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। अजित पवार ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि, 'मैं बारामती वासियों का विश्वास नहीं तोड़ूंगा। एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फड़नवीस की सरकार में शामिल होने का एकमात्र कारण महाराष्ट्र का विकास था। मैं कभी भी किसी का अपमान नहीं करना चाहता था, मैंने बस वास्तविकता को स्वीकार कर लिया।' अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि देश में पीएम मोदी जैसा कोई दूसरा नेता नहीं है, जो इतनी कड़ी मेहनत कर रहा हो। 

अजित पवार ने आगे कहा कि, 'भारत ने (जवाहरलाल) नेहरूजी को उनके नेतृत्व के लिए स्वीकार किया। इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेई को भी लोग उनके गुणों के कारण पसंद करते थे। मनमोहन सिंह जी दस साल तक प्रधानमंत्री रहे लेकिन वह कम बोलते थे। अब, मोदीजी कड़ी मेहनत कर रहे हैं, तो उसे स्वीकार किया जाना चाहिए।' अजित पवार ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले भी पीएम मोदी की आलोचना की थी लेकिन बाद में उन्होंने देश में कई परियोजनाएं और विकास होते देखा। उन्होंने कहा, ''मैं मोदीजी की सराहना करना चाहता हूं।''

अजित ने कहा कि उनके चाचा शरद पवार द्वारा स्थापित NCP को 2004 में मुख्यमंत्री का पद मिल सकता था। लेकिन मैं गहराई में जाकर उस विषय पर बात नहीं करना चाहता। अजित ने कहा कि, 'यहां तक कि सोनिया गांधी ने दिवंगत विलासराव देशमुख से कहा था कि NCP के पास कांग्रेस से अधिक सीटें हैं, लेकिन फिर भी हम सीएम पद तक नहीं पहुंच पाए। साथ ही, उद्धव ठाकरे को सीएम पद 2।5 साल के लिए भी दिया जा सकता था, लेकिन रहने दीजिए, मैं इससे ज्यादा कुछ टिप्पणी नहीं करना चाहता। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं राज्य के उपमुख्यमंत्री पद के साथ न्याय करूंगा।'

दिलचस्प बात यह है कि 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद उद्धव ठाकरे (शिवसेना) ने पुराने सहयोगी भाजपा से नाता तोड़ लिया था और आरोप लगाया था कि भाजपा ने शिवसेना (तब अविभाजित) के साथ सीएम पद साझा करने के वादे से मुकर गई थी। बाद में उन्होंने महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार बनाने के लिए NCP और कांग्रेस से हाथ मिलाया। अजित पवार पूर्ववर्ती सरकार में डिप्टी सीएम थे। अजित पवार ने कहा कि, 'वर्तमान में हम बारामती के लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री के माध्यम से कई योजनाएं आ रही हैं जो राज्य के लिए कारगर साबित होंगी। फिलहाल सड़कों, उद्यानों और ओवरब्रिज पर काम चल रहा है। मैं बारामती को एक साफ सुथरा शहर बनाना चाहता हूं।' 

बारामती विधायक अजित पवार ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इतना भव्य स्वागत कभी नहीं देखा। बता दें कि, विशेष रूप से, बारामती लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व अजीत पवार की चचेरी बहन और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले करती हैं। शुक्रवार को NCP प्रमुख शरद पवार ने उस समय खलबली मचा दी जब उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में कोई विभाजन नहीं है और अजित पवार इसके नेता हैं, लेकिन कुछ घंटों बाद ही उन्होंने अपने बयान से इनकार कर दिया।

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