पहलवानी के लिए मशहूर दारा सिंह ने जीती थी कई चैम्पियनशिप

बॉलीवुड के जाने माने एक्टर और पहलवान दारा सिंह को आज के से में ऐसा कोई भी नहीं है जो जानता न हो. अपनी पहलवानी के लिए वह हमेशा ही चर्चाओं में बने रहते है. आज भी उनके फैंस उन्हें दिल से याद करते है.  बॉलीवुड में आने के पश्चातअपनी अभिनय से यह साबित कर दिया की पहलावन ठान ले तो सब कुछ कर सकता. बॉलीवुड में 53 इंच की छाती के मशहूर दारा सिंह की आज पुण्यतिथि है. तो चलिए  जानते है उनके इस दिन पर उनके जीवन के अनकहे पल हम आपके साथ साझा करते हैं. अपने समय के विश्व प्रसिद्ध फ्रीस्टाइल पहलवान रहे दारा सिंह ने 1959 में पूर्व विश्व विजेता जार्ज गारडियान्का को हरा कर कामनवेल्थ की विश्व चैम्पियनशिप में जीत हासिल की. सन 1968 में वे अमेरिकी विश्व विजेता लाऊ थेज को हरा कर फ्रीस्टाइल कुश्ती के विश्व विजेता बने. उन्होंने पचपन वर्ष की उम्र तक पहलवानी की और 500 मुकाबलों में किसी एक में भी हार का मुँह नहीं देखा. 1983 में उन्होंने अपने जीवन का अन्तिम मुकाबला जीतने के पश्चात पहलवानी से सम्मानपूर्वक संन्यास ले लिया.

सन 1960 के दशक में सम्पूर्ण भारत में उनकी फ्री स्टाइल कुश्तियों का बोलबाला रहा. बाद में  दारा सिंह ने अपने समय की मशहूर अदाकारा मुमताज के साथ हिंदी की स्टंट फ़िल्मों में काम शुरू किया. अभिनेता ने कई फ़िल्मों में अभिनय के अतिरिक्त निर्देशन व लेखन भी कर चुके है. वहीं उन्होंने टी वी धारावाहिक रामायण में हनुमान के किरदार से अपार लोकप्रियता हासिल की. उन्होंने अपनी आत्मकथा पंजाबी में लिखी थी जो 1993 में हिन्दी में भी लिखी गई.  दारा सिंह को अटल बिहारी वाजपयी की सरकार ने राज्य सभा का सदस्य नामांकित किया. वे अगस्त 2003 से अगस्त 2009 तक पूरे 6 वर्ष राज्य सभा के सांसद थे.

7 जुलाई 2012 को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें कोकिलाबेन धीरूभाई अम्बानी अस्पताल मुंबई में भर्ती कराया गया किन्तु पाँच दिनों तक कोई लाभ न होता देख उन्हें उनके मुम्बई स्थित निवास पर वापस ले आया गया जहाँ उन्होंने 12 जुलाई 2012 को सुबह साढ़े सात बजे दम तोड़ दिया.

अपने एक से बढ़कर एक डायलॉग के लिए आज भी याद किए जाते है प्राण

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