लड़कियों और आदिवासियों के लिए 'नरक' बना झारखंड.., अब स्कूल में भी बच्चियां सुरक्षित नहीं

रांची: झारखंड की राजधानी रांची के ओरामाँझी इलाके में स्थित ‘प्लस टू उच्च विद्यालय’ में घुसकर हिंदू छात्राओं को धमकाने वाले और स्कूल परिसर के अंदर हथियार लहराने वाले 4 आरोपितों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया गया है। राँची के पुलिस अधीक्षक (SP) नौशाद आलम ने जानकारी दी है कि, 'ग्रामीण राँची के ओरामाँझी इलाके में स्कूल लड़कियों को डराने-धमकाने और छेड़खानी करने वाले 4 लड़को को अरेस्ट किया गया है। जबकि, पाँचवे आरोपी की तलाश जारी है।'

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरेस्ट किए गए आरोपितों के नाम मुजम्मिल अंसारी, फिरदौस अंसारी, जमील अंसारी और तौफीक अंसारी हैं। वहीं, पांचवा आरोपित सुहैल फरार है, पुलिस उसे खोज रही है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार लड़कों ने अपना अपराध भी कबूल कर लिया है। पुलिस को छानबीन के दौरान पता चला कि ये आरोपित स्कूल में दीवार फाँदकर आते थे और छात्राओं को छेड़ते थे। रोक-टोक करने पर ये धमकी भी देते थे। बता दें कि इससे पहले रविवार को खबर मिली थी कि राँची के स्कूल में कुछ मुस्लिम युवक सरकारी स्कूल में घुसकर कक्षा 9वीं की छात्रा को धमका रहे थे कि या तो दोस्ती करो वरना उसे उठा ले जाएँगे। छात्राओं की शिकायत के अनुसार, ये युवक लड़कियों से कहते थे कि यदि इनकी बात नहीं सुनी गई तो अंजाम बुरा होगा।

छात्राओं ने 10 सितंबर को इस संबंध में शिकायत दी थी, जिसके बाद इस मामले में 5 आरोपितों को नामजद किया गया था। छात्राओं ने अपनी शिकायत में बताया था कि उनके साथ ये हरकतें लगभग एक सप्ताह से हो रही हैं। आरोपित, स्कूल की छतों पर बैठ जाते हैं और आने-जाने वाली लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करते हैं। हालांकि, यहाँ ध्यान देने वाली बात यह भी है कि, हफ्ते भर से बच्चियों का उत्पीड़न हो रहा है, उस समय स्कूल प्रबंधन ने कोई एक्शन क्यों नहीं लिया ? जो शिकायत स्कूल प्रबंधन को दर्ज करानी चाहिए थी, वो बच्चियों को करवानी पड़ी। पीड़ित छात्राओं ने बताया है कि युवकों के निशाने पर विशेषकर आदिवासी और हिंदू लड़कियाँ होती हैं। जब भी कोई इन छात्राओं के पक्ष में बोलता है तो लड़के उसे भी अंजाम भुगतने की धमकी देते हैं। चाहे फिर वो कोई छात्र हो या कोई शिक्षक।

पीड़ित छात्राओं और उनके परिजनों ने थाने में शिकायत देते हुए बताया है कि कुछ दिन पहले शिक्षक दिवस के दिन इन सभी युवकों ने स्कूल में लगा जेनरेटर पलट दिया था। स्कूली छात्राओं की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए SIT का गठन किया गया था। इस टीम में SI व इंस्पेक्टर शामिल थे। टीम ने स्कूल के CCTV कैमरे से फुटेज निकाली और मोबाइल लोकेशन के आधार पर आरोपितों को पकड़ा। जांच में पता चला है कि इन लोगों ने स्कूल के लिपिक आशीष महतो को जान से मारने की धमकी देते हुए और छात्राओं को हथियार के बल पर उठा ले जाने की बात कही थीथा। बाद में इस संबंध में आशीष महतो ने शिकायत देते हुए बताया था कि कैसे इन लड़कों ने उन पर पिस्तौल तान दी थी। वहीं स्कूल प्रशासन भी डर से कुछ नहीं कर पा रहा था।

बता दें कि, झारखंड में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों की खबरें लगातार सामने आ रहीं हैं, वहीं, राज्य के सीएम हेमंत सोरेन 'घटनाएं तो होती रहती हैं', जैसे शर्मनाक बयान दे रहे हैं। झारखंड के ही दुमका में शाहरुख़ नामक आरोपी द्वारा अंकिता नाम की नाबालिग लड़की को बात न करने पर जिन्दा जला दिया गया था, दुमका में ही अरमान अंसारी ने नाबालिग आदिवासी बच्ची का बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर पेड़ पर लटका दिया था, शहरुदीन अंसारी ने आदिवासी लड़की के घर में घुसकर उसका बलात्कार किया, झारखंड के ही पलामू में दलित वर्ग के लगभग 50 परिवारों को मुस्लिम दबगों द्वारा उनके घरों से भगा दिया गया और उनके आशियाने उजाड़ दिए। ये तमाम घटनाएं पिछले एक महीने की ही हैं, ऐसे में सोचने वाली बात ये हैं, कि खुद अनुसूचित जनजाति (ST) से आने वाले हेमंत सोरेन आखिर आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों पर मौन क्यों हैं ? वहीं, दलितों के नाम पर राजनीति करने वाला कोई भी दलित नेता इन पीड़ितों की सुध लेने झारखंड क्यों नहीं जा रहा है ?

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