शोधकर्ताओं ने किया दावा- ठीक हो चुके लोगों को संक्रमितों से खतरा नहीं

वाशिंगटन: पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ती जा रही कोरोना वायरस की समस्या से आज के समय में हर कोई परेशान है वहीं इस वायरस के बढ़ते प्रकोप और महामारी की चपेट में आने से आज न जाने ऐसे कितने लोग है जिनकी जाने जा चुकी है, इतना ही नहीं इस वायरस की चपेट में आने कर रोज लाखों की तादाद में लोग संक्रमित हो रहे है, वहीं कोरोना वायरस से दुनियाभर में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण आज पूरा मानवीय पहलू तबाही की छोर  पर आ खड़ा हुआ है. आज इस वायरस की चपेट में आने से 2 लाख 83 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. और अब भी इस बात को खुलकर नहीं कहा जा सकता है कि इस वायरस से कब तक निजात मिल पाएगा और हालात ने कब सुधार होगा. वहीं यह भी पता चला है कि कोरोना से ठीक हो चुके मरीज कोरोना संक्रमण की दर घटाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं. वो भी तब जब आर्थिक गतिविधियों को दोबारा पटरी पर लाने के लिए लॉकडाउन में नरमी बरतने की तैयारी चल रही है.

शोधकर्ताओं का दावा है कि संक्रमित मरीज ठीक होने के बाद संक्रमित लोगों या संदिग्धों के संपर्क में आएगा तो उसे कोई खतरा नहीं होगा. अमेरिका के जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं के डॉ. जोशुआ विट्ज का कहना है कि स्वस्थ हुए व्यक्ति में शील्ड इम्युनिटी विकसित हो जाती है. 

ऐसे लोगों को मरीज के संपर्क आने पर संक्रमण का खतरा नहीं रहता. जर्नल नेचर मेडिसिन में प्रकाशित शोध के अनुसार, ऐसे लोगों की मदद से वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है या धीमा किया जा सकता है. हालांकि, प्रतिरोधक क्षमता कब तक रहेगी, इसका पता नहीं है.

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