आज संविधान पीठ में महिलाओं से भेदभाव पर होगी बहस, धर्म बना कारण

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय संविधान पीठ सोमवार यानी 3 फरवरी 2020 को केरल के सबरीमाला मंदिर समेत धार्मिक स्थलों और विभिन्न धर्मों में महिलाओं के विरुद्ध भेदभाव से संबंधित मामलों पर बहस के लिए मुद्दों को तय करने वाली है.  वहीं संविधान पीठ मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश, दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में महिलाओं के खतना और गैर पारसी व्यक्ति से विवाह करने वाली पारसी महिलाओं को ‘अज्ञारी’ में पवित्र अग्नि स्थल पर प्रवेश से वंचित करने से संबंधित मुद्दों पर विचार करेगी.

जंहा यह भी कहा जा रहा है कि पीठ में चीफ जस्टिस एसए बोबडे के अलावा जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस एमएम शांतनागौदर, जस्टिस एसए नजीर, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्य कांत शामिल हैं.  इससे पहले बृहस्पतिवार को चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि संविधान पीठ याचिकाकर्ताओं के कुछ वकीलों द्वारा तैयार किए गए मुद्दों पर सुनवाई करेगी और वह आम कानूनी सवालों पर फैसला देने की कोशिश करेगी.

मिली जानकरी के अनुसार इस बात का पता चला है कि संविधान पीठ मामले की सुनवाई शिड्यूल को भी तय की जाएगी. वहीं चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह बयान वरिष्ठ वकील वी गिरि के उस जिक्र के बाद दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि सबरीमाला समेत अन्य मामलों में पेश होने वाले कुछ वरिष्ठ वकीलों ने कुछ कानूनी प्रस्ताव तैयार किए हैं और कोर्ट को इन्हें देखना चाहिए. इससे पहले 13 जनवरी को कोर्ट ने चार वरिष्ठ वकीलों को बैठक कर बहस के मुद्दों को तय करने को कहा था. 

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