किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीर

उज्जैन : रोहिणी नक्षत्र की शुरूआत भले ही हो गई हो लेकिन जिस तरह से पहले ही दिन जोरदार बारिश हुई और बारिश के पानी ने रोहिणी को पहले दिन गला दिया उससे किसानों के चेहेरे पर चिंता की लकीर उभर आई है। किसानों का कहना है कि रोहिणी में जितनी अधिक गर्मी पड़ती है उतनी ही बारिश के मौसम में पानी गिरता है, जो खेती के लिए लाभदायक सिद्ध होता है।

किसानों ने बताया कि रोहिणी के पहले दिन पानी गिरने से रोहिणी गल गई है और इसका असर निश्चित ही बारिश के मौसम में देखने को मिलेगा क्योंकि किसानों का मानना है कि रोहिणी में पहले दिन पानी गिरने या रोहिणी में पानी गिरने से ही बारिश के मौसम में पानी कम गिरता है और उसका विपरित असर खेती पर होना ही है।

इधर ज्योतिषियों का कहना है कि ग्रह योगों के कारण रोहिणी के पहले दिन बारिश हुई है तथा आगे भी दो दिनों के भीतर पानी गिरने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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