कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी मामले पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा- 'ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए'

भोपाल: मध्यप्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में आपत्तिजनक बोल बोलने के चलते गिरफ्तार हुए कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी को लेकर एक बड़ी खबर आई है। जी दरअसल उनकी जमानत याचिका पर बीते सोमवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने सुनवाई कर दी है। इस मामले में न्यायमूर्ति रोहित आर्य की एकल पीठ ने सबसे पहले पूछा कि “आप किसी और की धार्मिक भावनाओं का गलत फायदा क्यों उठाते हैं? आपकी विचारधारा के साथ क्या दिक्कत है? बिजनेस के लिए आप ऐसा कैसे कर सकते हैं?” इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि ‘ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।'

जी दरअसल सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा और वकील अंशुमान श्रीवास्तव की ओर से बीते सोमवार को फारूकी और एक सह-आरोपी नलिन यादव ने जमानत याचिका दायर की थी। आपको बता दें कि जमानत याचिका पर जज ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में फारूकी के वकील अंशुमान श्रीवास्तव ने कहा कि, “इस बीच हमने जल्दी सुनवाई के लिए एप्लीकेशन डाली थी। इसे मंजूर किया गया और इसलिए 25 जनवरी को मामले की सुनवाई हुई।” आपको हम यह भी बता दें कि श्रीवास्तव मध्य प्रदेश के डिप्टी एडवोकेट जनरल रह चुके हैं। इसी के साथ पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल और वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंग ने इसे मामले को अभिव्यक्ति की आजादी का हनन बताया। बीते सोमवार को उन्होंने कहा, “मेरे लिए यह स्पष्ट है कि इस देश में बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गंभीरता से समझौता किया गया है”।

क्या है मामला- जी दरअसल नए साल के पहले दिन स्टैंड उप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी इंदौर के 56 दुकान इलाके में एक कार्यक्रम में गया था। वहां हिंदू रक्षक संगठन के संयोजक एकलव्य (स्थानीय BJP विधायक मालिनी गौड़ का बेटा) भी मौजूद थे। इस दौरान एकलव्य ने फारूकी के कार्यक्रम का विरोध किया था और आरोप लगाया था कि 'मुनव्वर ने हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधराकांड को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।'

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