सीएम ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे,पीड़ितों को बंधाया ढांढस

भोपाल/ब्यूरो।  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विदिशा जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे कर बासौदा तहसील के ग्राम स्यावदा में बाढ़ पीड़ितों को ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने अनेक बाढ़ प्रभावितों को अपने साथ बोट में बैठा कर सुरक्षित भी निकाला। मुख्यमंत्री  चौहान संजय गांधी स्मृति महाविद्यालय प्रांगण में हेलीकॉप्टर से उतरने के बाद बाढ़ से सर्वाधिक ग्रस्त ग्राम स्यावदा के लिए रवाना हुए। 

मुख्यमंत्री ने ग्राम स्यावदा के पहुँच मार्ग को बोट से पार किया। गौरतलब है कि पाराशरी नदी और बेतवा नदी के मुहाने पर स्थित ग्राम स्यावदा के लगभग 270 नागरिक अचानक नदी में बढ़े जल-स्तर के कारण चारो ओर से घिर गए थे। प्रशासन को इसकी सूचना प्राप्त होते ही अविलम्ब बाढ़ में फँसे नागरिकों को सुरक्षित स्थलों पर पहुँचाने के प्रबंध सुनिश्चित किए गए। मुख्यमंत्री चौहान ने ग्राम स्यावदा में बाढ़ पीड़ितों से संवाद कर उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने सभी को आश्वस्त भी किया कि अब उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जो भी नुकसान हुआ है, सर्वे कर शीघ्र ही सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

 

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प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई दौरा कर आमजन की स्थिति का जायजा लिया। नागरिक चिंता न करें, चुनौती की इस घड़ी में हम सब साथ हैं। राहत एवं बचाव कार्य में मैं और #TeamMP कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। - Shivraj Singh Chouhan (@chouhanshivraj) 23 Aug 2022

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 मुख्यमंत्री चौहान स्वयं नन्हीं बालिकाओं के साथ वयोवृद्धजन को बोट में बैठा कर सुरक्षित लेकर आए। मोटर बोट में मुख्यमंत्री चौहान ने मिट्ठू रैकवार की छोटी बालिका तनु को गोद में बैठाया और रास्ते में बच्ची से संवाद कर नाम पूछा और खाना खाया कि नहीं आदि जानकारी ली। बच्ची के हाजिर जवाब को सुनकर मुख्यमंत्री चौहान के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। मुख्यमंत्री चौहान ने मोटर बोट में साथ बैठे ग्राम स्यावदा के बाढ़ पीड़ित बालाराम, शकुनबाई और शर्मिला केवट से भी संवाद किया। गौरतलब है कि तनु केवट और शर्मिला केवट दोनों बहनें हैं, जो मुख्यमंत्री के साथ संयुक्त रूप से गोद में बैठकर आई थी। जब बोट पाराशरी नदी के किनारे पहुँची तब मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से सबसे पहले तनु को एनडीआरएफ के दल को सौंपा। सड़क मार्ग पर पैदल चल कर उन्होंने सड़क किनारे मिले लोगों से संवाद किया, बाढ़ पीड़ितों की समस्याएँ सुनी और उनके निदान के आवश्यक निर्देश मौके पर मौजूद अधिकारियों को दिए।

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