स्कूलों में पेयजल न होने पर सीएम ने अधिकारीयों को फटकारा

रांची: झारखण्ड के मुख्यमंत्री ने स्कूलों में पेयजल उपलब्ध नहीं होने पर गुमला के डीएसई (जिला शिक्षा अधीक्षक) तथा वहां के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों (बीईईओ) को फटकार लगाते हुए कहा कि स्कूलों में पानी उपलब्ध नहीं करा पाते हो और कहते हो स्कूल चलें हम. उन्होंने कहा कि "यही कारण है कि बच्चे स्कूल से ड्राप आउट हो जाते हैं, हम खुद अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं समझते, क्यों कोर्ट के आदेश का इंतज़ार करते रहते हैं."

दरअसल, मुख्यमंत्री जनसंवाद में शिकायत आई थी कि गुमला के दोलंगेसरा स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में फरवरी से ही चापाकल सूख गया है जिससे बच्चों को पीने के पानी के अलावा वहां मध्याह्न भोजन बनाने में परेशानी हो रही है. जब सीएम रघुबर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस मुद्दे अधिकारियों से जवाब तलब किया तो गुमला के उपायुक्त ने सफाई दी कि स्कूल ड्राइजोन में होने से चापाकल सूख जाता है, इसलिए पानी की किल्लत हो जाती है. आयुक्त ने कहा कि डीप बोरिंग के लिए 2.28 लाख रुपये का एस्टीमेट तैयार किया गया है.

इस पर मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि इसपर पहले क्यों नहीं ध्यान दिया गया? जिला स्तर के शिक्षा पदाधिकारियों से पूछा कि वे यदि स्कूलों का निरीक्षण करते हैं तो इसे क्यों नहीं देखा? शिकायत करने का क्यों इंतजार किया? आपको बता दें कि झारखण्ड के कई जिलों में भीषण गर्मी के कारण जलाशय, तालाब, कुँए आदि सुख गए हैं, आवाम को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ रहा है. 

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