आप सभी को बता दें कि आज से नवरात्र आरम्भ हो गए हैं. ऐसे में आज नवरात्र का पहला दिन है और पहले दिन माँ शैलपुत्री का पूजन किया जाता है. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इस समय फैलने वाली महामारी से बचने को इस मंत्र से और आप कैसे करें कलश स्थापना. मंत्र - “रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्. त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥” अर्थ :- देवि! तुम प्रसन्न होने पर सब रोगों को नष्ट कर देती हो और कुपित होने पर मनोवाञ्छित सभी कामनाओं का नाश कर देती हो. जो लोग तुम्हारी शरण में जा चुके हैं, उन पर विपत्ति तो आती ही नहीं. तुम्हारी शरण में गये हुए मनुष्य दूसरों को शरण देनेवाले हो जाते हैं. दूसरे मंत्र - ऊं ह्लीं ऊं या ऊं ऐं ह्रीं क्लीं श्रीं चामुण्डायै विच्चे (श्रीदुर्गा सप्तशती में महामारी का उल्लेख है. महामारी नाश और आरोग्यता के लिए संपूर्ण देवी पाठ है.) विधि-विधान - 1. आप देवी कवच, अर्गला स्तोत्र और कीलकम, सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ ( कीलकम् और कवच का पाठ अधिक करें) 2. आप 9 दिनों में देहि सौभाग्यम-आरो ग्यम देहि मे परमं शिवम् का जाप करें. 3. ध्यान रहे जाप बोलकर नहीं करें क्यों कि कोरोना वायरस फैल रहा है. 4. आप इस बार की नवरात्र में मानसिक पूजा करें. 5. एकांत पूजा करें. 6. समूह में ना जाए , मंदिर न जाए, घर में भी अकेले बैठकर पूजन करें. दर्दनाक हादसा: निर्माणाधीन गोदाम में फैला करंट, झुलस गए लोग लॉकडाउन : अमित शाह ने जनता को दिलाया भरोसा, कहा-नहीं रहेगी आवश्यक वस्तु की कमी कोरोना के कारण जिंदगियां ही नहीं बल्कि नौकरी भी लगी दावं पर