नवरात्र के 9 दिनों का पुण्य पाने के लिए जरूर करें माँ दुर्गा की यह आरती

आप सभी जानते ही हैं कि नवरात्र का सप्ताह आरम्भ हो चुका है. ऐसे में आज चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघण्टा स्वरुप की पूजा विधि विधान से की जाती है. आप सभी को बता दें कि नौ देवियों में से मां चंद्रघण्टा की विधिपूर्वक पूजा करने से व्यक्ति निर्भीक और वीर होता है, साथ ही उसमें विनम्रता भी आती है. तो आइए आज हम आपको बताते हैं आइए जानते हैं कि नवरात्रि के तीसरे दिन माँ दुर्गा की वह आरती जिसे आप नवमी, सप्तमी और अष्टमी के दिन करने के बाद सारे लाभ पा सकते हैं. कहा जाता है इस आरती को करने से सारा पुण्य मिल जाता है. तो आइए जानते हैं यह आरती.

माँ दुर्गा की आरती

जय अंबे गौरी मैया जय मंगल मूर्ति . तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥

मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को . उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै. रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥ केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी . सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती . कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥

शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती . धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥

चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू. बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥ भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी. मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥जय॥

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती . श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥

श्री अंबेजी की आरती जो कोई नर गावै . कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥

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