मोटर व्हीकल एक्ट: राज्य सरकारों को केंद्र का फरमान, अगर घटाया जुर्माना तो लगेगा राष्ट्रपति शासन

नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्य मोटर वाहन (संशोधन) कानून, 2019 के नियमों का पालन नहीं करने वाले प्रदेशों में राष्ट्रपति शासन लागू करने की चेतावनी दी है. केंद्र सरकार का कहना है कि यातायात के संशोधित नियमों के खिलाफ जाकर जुर्माना वसूलने वाले प्रदेशों के पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है. यदि कोई राज्य सरकार नियमों के खिलाफ जाकर जुर्माने की राशि को कम करती है तो इसे संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन मानते हुए केंद्र वहां राष्ट्रपति शासन भी लागू किया जा सकता है.

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सोमवार को कहा है कि कोई भी राज्य मोटर वाहन (संशोधन) कानून, 2019 के वैधानिक प्रावधानों के तहत निर्धारित किए गए जुर्माने की उसकी तय सीमा से कम नहीं कर सकता है. मंत्रालय ने कहा कि कोई भी अधिनियम किसी भी राज्य सरकार द्वारा तब तक लागू नहीं किया जा सकता है जब तक कि उसे भारत के राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त न हो.मंत्रालय ने राज्यों को भेजे गए अपने परामर्श में कहा है कि मोटर वाहन (संशोधन) कानून 2019 संसद से पास कानून है. राज्य निर्धारित जुर्माने की सीमा को घटाने को लेकर कोई कानून पारित नहीं कर सकता है और न ही कार्यकारी आदेश जारी कर सकता है. 

आपको बता दें कि कई प्रदेशों द्वारा कुछ मामलों में जुर्माने की राशि को कम करने के बाद परिवहन मंत्रालय ने इस मामले पर कानून मंत्रालय से सलाह मांगी थी. क्योंकि सितंबर 2019 से लागू नए मोटर वाहन कानून  में यातायात नियमों के उल्लंघन पर प्रावधानों को सख्त किया गया है.

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