विरोध के बाद मवेशियों की बिक्री पर पाबंदी के नियम में बदलाव कर सकती है मोदी सरकार

नई दिल्ली : जब से केंद्र सरकार ने पशु मंडियों में वध के लिए पशुओं की खरीद-बिक्री पर पाबंदी का फैसला लिया है तब से सरकार चौतरफा निशाने पर आ गई है. देश के विभिन्न हिस्सों से विरोध के स्वर सुनाई दिए है. पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी और केरल की सरकारों ने इस फैसले को नहीं मानने की घोषणा की है, इस विरोध को देखकर लगता है कि सरकार इस नियम में संशोधन कर सकती है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर राजनीतिक दबाव भी लगातार बढ़ता जा रहा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस फैसले को असंवैधानिक और गैर-कानूनी करार दिया है, वहीं केरल के कन्नूर में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने एक बछड़ा काट कर उसका मांस बेचा. इसके बाद कांग्रेस को बचाव की मुद्रा में आना पड़ा. तो उधर सोमवार को एनडीए सरकार के फैसले के खिलाफ मद्रास आईआईटी में कम से कम 80 छात्रों ने बीफ फेस्ट मनाया. राष्ट्रीय चमड़ा परिषद ने भी इस निर्णय पर पुनर्विचार करने को कहा है.

इस बारे में सूत्रों ने बताया कि संभव है कि केंद्र सरकार प्रतिबंधित मवेशियों के दायरे से भैंस को बाहर रखने का फैसला कर सकती है. साथ ही सरकार 'मवेशी' की परिभाषा बदलने पर भी विचार कर रही है. यदि ऐसा हुआ तो इस मामले में मांस व्यापारियों को कुछ राहत मिल सकती है, अन्यथा इस कारण मारपीट के मामले भी बढ़ सकते हैं.

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