किसानों से अधिक व्यापारियों ने की आत्महत्या, सरकार ने संसद में पेश किए आंकड़े

नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने स्वास्थ्य के साथ-साथ इकॉनमी पर भी काफी असर डाला है. यही कारण है कि 2019 की तुलना में 2020 में व्यापारियों की ख़ुदकुशी के मामले में वृद्धि हुई है. केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद के शीतकालीन सत्र में बताया कि 2020 में 11716 व्यापारियों ने अपनी जान दी है. यह 2019 की तुलना में 29 फीसद अधिक है. यानी इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि 2020 यानी कोरोना काल में व्यापारियों ने कृषि सेक्टर से संबंधित लोगों से ज्यादा आर्थिक तनाव और संकट झेला है. 

गृह मंत्रालय ने NCRB की रिपोर्ट Accidents and Suicides in India के हवाले से जानकारी दी है कि 2019 में व्यापार से संबंधित 9052 लोगों ने ख़ुदकुशी की थी. वहीं, 2020 में 11,716 लोगों ने आत्महत्या की है. NCRB ने ख़ुदकुशी के मामलों को श्रेणी में नहीं बांटा है. हालांकि, सरकार का कहना है कि यह नहीं कहा जा सकता कि अधिकतर ख़ुदकुशी करने वाले व्यापारी MSME सेक्टर से जुडे़ थे.

NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में 11,716 व्यापारियों ने ख़ुदकुशी की. जबकि इसी दौरान 10,677 किसानों ने भी अपनी जान दी. 2015 की तुलना में आंकड़ों की बात करें, तब हर 1 व्यापारी पर 1.44 किसानों ने ख़ुदकुशी की थी, मगर 2020 में एक किसान के मुकाबले 1.1 व्यापारी ने अपनी जान दी है. 

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