Budget 2023-24: संसद में पेश किया गया आर्थिक सर्वेक्षण, GDP 6.5% रहने का अनुमान

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी मंगलवार (31 जनवरी) को बजट सत्र के दौरान आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए GDP ग्रोथ रेट 6.5 फीसद रहने का अनुमान जताया गया है। बता दें कि, यह बीते 3 साल में सबसे धीमी ग्रोथ होगी। वहीं नॉमिनल GDP का अनुमान 11 फीसद लगाया गया है। FY23 के लिए रियल GDP अनुमान 7 फीसद है।

सर्वे में कहा गया है कि भारत, विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती मुख्य अर्थव्यवस्था बना रहेगा। सर्वे के मुताबिक, PPP (पर्चेजिंग पावर पैरिटी) के मामले में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी इकॉनमी है और एक्सचेंज रेट के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनमी। सर्वे जारी करने के बाद अब मुख्य आर्थिक सलाहकार और अन्य सीनियर अधिकारी प्रेस वार्ता करेंगे। बता दें कि, आर्थिक सर्वेक्षण में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अनुमान, महंगाई दर अनुमान, विदेशी मुद्रा भंडार और व्यापार घाटे का ब्यौरा शामिल होता है।

GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के अंदर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स तथा सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के भीतर रहकर जो विदेशी कंपनियां उत्पादन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है।

बता दें कि, वर्ष 2022 में रिटेल महंगाई भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 2%-6% के दायरे के बाहर रही थी। सबसे अधिक 7.79% महंगाई अप्रैल 2022 में दर्ज की गई। कच्चे तेल, कमोडिटी की कीमतों, मैन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अतिरिक्त कई अन्य चीजें होती हैं, जिनकी रिटेल महंगाई दर निर्धारित करने में अहम भूमिका होती है। लगभग 299 सामान ऐसे हैं, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट निर्धारित किया जाता है।

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