प्रसव के बाद किसी भी महिला के लिए अपने बच्चे को दूध पिलाना एक सुखद अनुभव होता है. बच्चे को अपना दूध पिलाने से मां को एक दशक बाद भी उच्च रक्तचाप होने की आशंका कम होती है. ब्रेस्ट फीडिंग करवाने से महिला को स्तन से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा काफी कम हो जाता है. उसके साथ ही उसके स्तन पुराने आकार में आ जाते हैं. वहीं, शिशु को मां के दूध से कई प्रकार के पौष्टिक तत्व मिलते हैं. मां का दूध बच्चे के लिए अमृत के समान होता है. वह बच्चे को कई बीमारियों से बचाता है. लेकिन, स्तनपान सिर्फ बच्चे के लिए ही नहीं बल्कि मां के लिए भी फायदेमंद होता है. स्तनपान कराने वाली महिलाओं को रक्तचाप व अन्य कई बीमारियों से राहत मिलती है. एक ताजा शोध में यह बात सामने आयी है. मल्टीविटामिन पंहुचा सकते है नुकसान