भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा अब सोलर लाइट से रोशन होगी। विगत 16 वर्षों से इस खुली अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी के लिए तैनात सशस्त्र सीमा बल के बॉर्डर आउट पोस्ट को भी बिजली की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। बिहार से लगी नेपाल की करीब सात सौ किलोमीटर की खुली सीमा पर एसएसबी के कुल 194 बीपीओ हैं। मिली जानकारी अनुसार इस सीमा पर लाइट की आवश्यकता अधिक थी. बिजली के तार ले जाने पर प्रतिबंध सूत्रों के अनुसार सभी बीपीओ को सोलर लाइट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। दरअसल, भारत-नेपाल की सीमा पर स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगलों में बिजली के तार ले जाने पर प्रतिबंध है। बिजली और उसके तार से जंगल के किसी भी हिस्से में आग लगने का खतरा बना रहता है, जिससे जंगली जानवरों को खतरा हो सकता है इसी कारण सोलर लाइट का प्रयोग किया जायेगा। अंधेरे में होती है जोखिम जानकारी के अनुसार एसएसबी सीमांत मुख्यालय के आईजी ने बताया कि अंधेरे में अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी करना जोखिम भरा काम होता है। यह जंगल शुरू से लकड़ी, पशु और वनस्पतियों की तस्करी करने वालों के निशाने पर रहा है। इन जंगलों से अक्सर आतंकवादियों के प्रवेश का भी खतरा बना रहता है। जब पाकिस्तान इस्लामी राष्ट्र बना तो भारत को भी हिन्दू राष्ट्र होना चाहिए- मेघालय हाईकोर्ट इस कारण यंहा अब भी जारी है पुलिस सर्चिंग पुडुचेरी में देश का पहला म्यूजियम पानी के अंदर बनेगा