बिहार में रेलवे टेंडर स्कैम फिर गर्माया

बिहार : रेलवे टेंडर स्कैम में  रेल मंत्रालय द्वारा एक अधिकारी पर मुकदमा चलाने में देरी किये जाने को लेकर सवाल उठे. जेडीयू प्रवक्ता संजय सिंह ने पूछा था कि सीबीआई और रेलवे की तरफ से इस मामले में कोताही क्यों बरती जा रही है?  मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनके बेटे और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी आरोपी हैं.

कोर्ट ने दी लालू को बड़ी राहत रेलवे टेंडर स्कैम पर जदयू के प्रवक्ता ने कहा कि, "हमारी पार्टी ने इसे काफी गंभीरता से लिया है. चार्जशीट फाइल होने के 90 दिन बाद भी रेल मंत्रालय द्वारा रेलवे टेंडर स्कैम में आरोपी एक अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत देने में देरी की जा रही है और इस पर  सवाल उठना लाजिमी है." बिहार के वरिष्ठ नेता और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सीबीआई स्वायत संस्था है और केंद्रीय एजेंसी के कामकाज से पार्टी का कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा, " इस पूरे मामले पर सीबीआई को जवाब देना है. बीजेपी इसपर क्या प्रतिक्रिया दे सकती है?"

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मामला अब तक-  -आईआरसीटीसी घोटाले की शुरूआत 2005 में हुई  -लालू प्रसाद रेल मंत्री थे -झारखंड के रांची और उड़िसा के पुरी में रेलवे के दो होटलों को मेसर्स सुजाता होटल प्राइवेट लि. को लीज पर दिया गया.  -आरोप है कि होटल को लीज पर देने के लिए टेंडर के नियमों में ढील दी गयी  -जब होटल लीज पर मिल गया तो इसके बदले डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को पटना में 3 एकड़ जमीन मिली. - ये जमीन चाणक्य होटल के डायरेक्टर विनय कोचर ने 1 करोड़ 47 लाख में बेची जबकि बाजार में उस वक्त इस जमीन की कीमत ज्यादा थी. -डिलाइट मार्केटिंग कंपनी आरजेडी सांसद प्रेम चंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के नाम पर थी.  -2014 में डिलाइट मार्केटिंग कंपनी के शेयर लारा प्रोजेक्ट के नाम ट्रांसफर कर दिए गए -लारा प्रोजेक्ट कंपनी में लालू की पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी डायरेक्टर थे -पिछले साल 6 जुलाई को आईआरसीटीसी घोटाला मामले में प्राथमिकी दर्ज   -लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के आवास पर रेड  इसे भी देखें -

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