MP: बक्सवाहा के जंगल में हीरों के लिए नहीं कटेंगे 2.15 लाख पेड़

बक्सवाहा: मध्य प्रदेश के बक्सवाहा से आई खबर के मुताबिक अब यहाँ लाखो पेड़ों को नहीं काटा जाएगा। जी दरअसल यहाँ हीरा खादानों के लिए पेड़ काटे जाने वाले थे लेकिन अब इस पर एनजीटी ने रोक लगा दी है। मिली जानकारी के तहत NGT ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया है और मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षख को निर्देश दिया है, कि ''हीरे की खादानों के लिए एक भी पेड़ न काटा जाए, ये देखना उनकी जिम्मेदारी होगी।'' इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि, ''वन विभाग की परमिशन के बिना एक भी पेड़ नहीं काटा जा सकता है।'' आप सभी को बता दें कि 'नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT)' का कहना है कि, ''वन संरक्षण की धारा-2 की गाइडलाइन का सख्ती से पालन किया जाना जरूरी है। इसके लिए एक्सपर्ट कमेटी बनाए जाने की जरूरत है।''

वहीँ दूसरी तरफ NGT ने याचिका लगाने वाले को यह निर्देश दिया है कि, ''सभी जरूरी कागज और याचिका की कॉपी नॉन-एप्लीकेंट्स को दिए जाएं।'' इसके अलावा इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार, वन विभाग और हीरा खादान का ठेका लेने वाली कंनी को 4 हफ्ते का समय दिया गया है। इसी के साथ आने वाले 27 अगस्त को मामले पर अगली सुनवाई होने के बारे में जानकारी मिली है।

इन दिनों लगातार हो रहे आंदोलनों के बीच NGT ने सख्त एक्शन लिया है और यह एक्शन लोगों को पसंद भी आ रहा है। मिली जानकारी के अनुसार बक्सवाहा के जंगलों के बीच जमीन के नीचे करीब साढ़े तीन करोड़ कैरेट हीरे का भंडार है। इनकी कीमत करीब 60 हजार करोड़ बताई जा रही है। ऐसे में खादान को ठेका दिए जाने के खिलाफ भोपाल एनजीटी में याचिका लगाई गई थी। जी दरअसल हीरों की खादान के लिए जंगल में करीब 2.15 लाख हरे-भरे पेड़ों को काट दिया जाता और इसके चलते पर्यावरण संगठन लगातार आंदोलन कर रहे थे।

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