कुछ दिनों पहले हुए भय्यू जी महाराज के केस में अब एक नयी बात सामने आयी है. खबर उनके कार बेचने के मामले से जुडी हुई है. दरअसल उनके ट्रस्ट की कार बीजेपी के युवा नेता मयूरेश पिंगले के नाम पर करने के मामले में इस केस ने एक और नया मोड़ पकड़ लिया है.आखिरी नोटिस के बाद बयान देने के लिए गए तुषार पाटिल जो उस ट्रस्ट के सचिव है उन्होंने बोला कि 'डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर किये हुए पहले से ही रखे हुए थे पर ये आश्रम से मयूरेश तक कैसे पहुंचे इस बात का पता नहीं चल पाया है'. उन्होंने बताया कि 'कार के सारे डॉक्यूमेंट तो मेरे पास है फिर भी कार मयूरेश के नाम कैसे हो गई?' माना जा रहा है की ट्रस्ट के सचिव तुषार पाटिल के इस बयान के बाद ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट भी अब एक्शन में आ गया है. खबर ये है की लगभग 2 बजे के आसपास बुधवार की दोपहर को ट्रस्ट के सचिव तुषार पाटिल अपने लॉयर के साथ परिवहन विभाग के दफ्तर पहुंचे थे. परिवहन विभाग की जाँच अधिकारी अर्चना मिश्रा ने गाड़ी संख्या एमपी 09 सीएक्स 7447 से सम्बंधित दस्तावेज के बारे में बताते हुए इस फॉर्म पर उनके साइन होने के बात कही. इस पर ट्रस्ट के सचिव पाटिल ने कहा कि 'साइन मेरे ही है लेकिन ये इस गाड़ी के लिए नहीं थे और यहाँ तक की इस पर जो भी लिखावट है वो भी मेरी नहीं है.' उन्होंने कहा कि 'ये सब कुछ मेरी जानकारी के बिना हुआ है और मैंने इस सम्बन्ध में शिकायत भी कि थी.' अब पाटिल के इस बयान के बाद ये केस किस ओर नया मोड़ लेता है. और अब इस केस में और कितने नये मोड आते है ये देखना काफी दिलचस्प होगा. पहली बार इस कारण इतने नीचे आयी कच्चे तेल की कीमत खुदरा व्यापार बचाने के लिए सरकार ने उठाया यह महत्वपूर्ण कदम 13 साल की उम्र में हुआ था लड़की का अपहरण, मिली तो उम्र हुई 45