राजस्थान में कोरोना से हाहाकार, अब सरकारी तो क्या निजी हॉस्पिटल में भी नहीं मिल रहे बेड !

नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना मामले पर राजस्थान की गहलोत सरकार ने जमकर वाहवाही लूटी है. पहले चाहे भीलवाड़ा मॉडल हो या फिर पीएम मोदी द्वारा सीएम गहलोत सरकार की प्रशंसा करना. किन्तु अब कोरोना के बढ़ते केस के बाद सरकार की पोल खुलती नजर आ रही है. राजस्थान की राजधानी जयपुर का तो आलम यह है कि यहां सरकारी और प्राइवेट अस्प्तालों में ICU बेड मिलना कठिन हो गया है.

बेड नहीं मिलने के चलते कई मेजों की जान तक चली गई है. भाजपा MLA ने बेड नहीं मिलने को लेकर सीएम अशोक गहलोत को चिट्ठी लिखी है. राजधानी जयपुर में अनियंत्रित होते कोरोना के चलते अस्पतालों का प्रबंधन डगमगाने लगा है. चाहे वो सरकारी तंत्र का डेडिकेटेड RUHS अस्पताल हो या फिर प्राइवेट अस्पतालों में किए गए प्रबंध. शहर में बढ़ते कोरोना मामलों की वजह से अस्पतालों में गंभीर मरीजों के लिए बेड ही मौजूद नहीं है. ऐसे में ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों का आलम ये है कि वे कोरोना के गंभीर मरीजों को एडमिट करने के लिए असमर्थता जता रहे हैं.

वैसे तो पूरे देश में कोरोना की स्थिति चिंताजनक हैं, किन्तु राजस्थान में बढ़ते मामलों के मद्देनज़र स्थिति अधिक ठीक नहीं है. खासतौर पर राजधानी के हालात गंभीर हैं, जहां हर दिन कमोबेश 350 से 400 तक कोरोना मरीज दर्ज किए जा रहे हैं. हालांकि, अच्छी बात ये है कि इनमें से 70 फीसदी के आसपास ए सिम्टोमेटिक श्रेणी के हैं. किन्तु फिर भी प्राइवेट हो या सरकारी अस्पताल, सभी जगहों पर बेड ओवर फ्लो का हालत हो गए हैं. कई मरीजों की शिकायतों के बाद हमने जब प्राइवेट अस्पतालों की हालत जानी हो पता चला कि जयपुर के बड़े अस्पतालों में न तो मरीजों के लिए ICU बेड खाली हैं और न ही वेंटिलेटर का बंदोबस्त है.

चीन को लगा एक और बड़ा झटका, सरकारी खरीद में भारतीय कंपनियों को मिलेगी प्राथमिकता

बंगाल से आतंकियों की गिरफ़्तारी पर बोले गवर्नर धनखड़, ममता सरकार को सुनाई खरी-खरी

ड्राई स्किन और काले धब्बों से है परेशान, तो केले संग इस चीज से बनाएं फेस पैक

Related News