नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ 40 दिन से दिल्ली की विभिन्न सरहदों पर डटे किसानों को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का समर्थन प्राप्त हुआ है. यह प्रतिबंधित संगठन है. कम्युनिस्ट माओवादी पार्टी ने धरने पर बैठे किसानों को अपना समर्थन देते हुए कहा कि सरकार कृषि कानून रद्द करे. कम्युनिस्ट माओवादी पार्टी ने विद्यार्थी, आदिवासी, श्रमिक, किसानों से अपील की है कि वो कृषि कानून के खिलाफ रेल रोको, चक्का जाम धरना जारी रखें. इसके साथ ही 26 जनवरी के सेलिब्रेशन का बायकॉट करने की अपील की है. इसके अलावा 26 जनवरी के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर भारत आने वाने वाले ब्रिटेन के पीएम बॉरिस जॉनसन का विरोध करने की अपील की गई है. कुछ महीनों पहले भी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की गुरिल्ला विंग पीपुल लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी, जो एक प्रतिबंधित संगठन है, ने एक प्रेस नोट जारी करके किसानों से हथियार उठाने का आह्वान किया था. इससे पहले कल किसान और सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा साबित हुई. अब अगले दौर की वार्ता 8 जनवरी को होगी. कल तीन घंटे की बैठक में किसान कृषि कानून को निरस्त करने को लेकर अड़े रहे. सरकार ने संयुक्त समिति बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे किसानों ने ठुकरा दिया. अब सरकार को उम्मीद है कि अगली बातचीत में अवश्य समाधान निकलेगा. आज भी नहीं बदले पेट्रोल-डीजल के भाव, यहां जानें ताजा कीमतें टाटा पावर छत पर सौर के एमएसएमई ग्राहकों के लिए वित्तपोषण योजना की करेंगे पेशकश कोलकाता अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सत्यजीत रे की क्लासिक फिल्म 'अपुर संसार' को किया जाएगा प्रदर्शित