शीर्ष अदालत में आज 'अयोध्या विवाद' की सुनवाई

नई दिल्ली: अयोध्या में स्थित 2.77 एकड़ विवादित जमीन का स्वामित्व तय करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में आज बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई होगी. पिछले माह सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ़ कर दिया था कि, यह मसला शुद्ध रूप से जमीन के स्वामित्व को लेकर है और इसी तर्क के कारण शीर्ष अदालत ने इस मसले पर रोज़ सुनवाई करने से इंकार कर दिया था.

अयोध्या विवाद में सुनवाई शुरू होने से पूर्व ही पक्षकारों ने अपने-अपने वकीलों संग दिल्ली में डेरा डाल दिया है. पक्षकारों का कहना है कि अब सुप्रीम कोर्ट से ही आस है, इस मामले को और टाला नहीं जाना चाहिए, जल्दी से जल्दी निर्णय सुनाने की आवश्यकता है. गौरतलब है कि, हाई कोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सबसे पहले सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लिहाज़ा पहले बहस करने का मौका उन्हें मिल सकता है. 

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में तीन जजों की बेंच सुनवाई की दिशा तय करेगी. आपको बता दें कि, इस मामले से जुड़े 9,000 पन्नों के दस्तावेज और 90,000 पन्नों में दर्ज गवाहियां पाली, फारसी, संस्कृत, अरबी सहित विभिन्न भाषाओं में हैं, जिस पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कोर्ट से इन दस्तावेजों को अनुवाद कराने की मांग की थी. जिसके संपन्न हो जाने के बाद आज इस मसले पर शीर्ष अदालत दोनों पक्षों की बात सुनेगी. यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि, रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद से जुड़ा यह मसला 68 वर्षों से अदालत में है. 

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