लॉकडाउन में मानसिक परेशानियां झेल रहे लोग, ASDMA कर रहा भावनात्मक मदद

गुवाहाटी: असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) द्वारा देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों की आबादी के लिए मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक मदद प्रदान की जा रही है। घर की आवश्यक सामग्री के साथ साथ मनोवैज्ञानिक डॉक्टर की भी व्यवस्था की है। इसके लिए पूरे राज्य में गांव और वार्ड स्तर पर एक स्वयंसेवक के नेतृत्व वाले कॉल सेंटर समर्थन तंत्र के साथ आया है।

इस परियोजना जिसका नाम 'प्रतिशोधी बंधु' है, जिसका मुख्य उद्देश्य,असम राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के सामुदायिक कैडर के संभावित स्वयंसेवकों की पहचान करना है। इसी के साथ ही भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, NGO, NSS, NCC और NYK जैसे अन्य समूहों के साथ काम करना है। असम के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्ण ने जानकारी देते हुए बताया है कि मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक समर्थन प्रदान करने के लिए जमीनी स्तर पर ASDMA की कोशिश लॉकडाउन को कामयाब बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।

परियोजना समन्वयक पंकज चक्रवर्ती ने कहा कि काफी सारे लोग लॉकडाउन के कारण तनाव और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जूझ रहे हैं। जिसकी वजह से वित्तीय असुरक्षा का डर भी तनाव में इजाफा कर रहा है।'प्रतिशोधी बंधु'के स्वंम सेवक स्वास्थ्य और स्वच्छता के साथ ही लोगों को जागरूक करेंगे। कोरोना से लड़ने के लिए एक निवारक उपाय बताएंगे।

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