सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हज़ारे ने शुरू किया मौन व्रत, जानिए क्या है कारण

नागपुर: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने निर्भया दुष्कर्म मामले और महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध के प्रकरणों में त्वरित न्याय के लिए महाराष्ट्र के अहमदनगर जिला स्थित अपने पैतृक रालेगणसिद्धि गांव में शुक्रवार को मौन व्रत आरंभ किया है। हजारे ने गत नौ दिसम्बर को पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर उन्हें सूचित किया था कि वह 20 दिसम्बर से मौन व्रत रखेंगे।

हजारे ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि, ''मैंने निर्भया मामले में त्वरित न्याय के लिए अपना मौन व्रत शुरू कर दिया है और यदि यह नहीं मिलता है तो मैं अनिश्चितकालीन अनशन करूंगा।'' हज़ारे ने कहा कि, ''दिल्ली समेत कई राज्यों में महिलाओं के साथ अपराध हो रहे हैं। देश के लोगों ने न्यायिक एवं पुलिस प्रक्रिया में देरी के चलते हैदराबाद दुष्कर्म एवं हत्या मामले में चार आरोपियों की एनकाउंटर में मौत का स्वागत किया।''

उन्होंने कहा कि इन्साफ में देरी से न्यायपालिका में लोगों का विश्वास कम हो रहा है। उन्होंने महिलाओं के खिलाफ जुर्म के मामलों में त्वरित सुनवायी की मांग की। इसके अलावा हजारे ने मांग की कि संसद में न्यायिक जवाबदेही विधेयक पास किया जाए, न्यायाधीशों के खाली पद भरे जाएं और पुलिस बल में सुधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशें लागू की जाएं।

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