मंगल ग्रह पर किस रफ़्तार बहती है हवा, वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

वाशिंगटन: हाल ही में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह की सतह से 120 से 300 किलोमीटर ऊपर के वायुमंडल में वैश्विक वायु परिसंचरण के पैटर्न का पता लगाया है. जंहा अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड, बाल्टीमोर काउंटी (यूएमबीसी) के शोधकर्ताओं सहित एक टीम ने लाल ग्रह पर हवा की माप को रिकॉर्ड करने के लिए नासा के मावेन (मार्स एटमॉस्फियर एंड वोलाटाइल इवोल्यूशन) स्पेसक्राफ्ट का उपयोग किया. वहीं इसके लिए मावेन स्पेसक्राफ्ट में नेचुरल गैस एंड ऑयन मास स्पेक्ट्रोमीटर (एनजीआइएमएस) डिवाइस इस्तेमाल में लाई गई. यह डिवाइस स्पेसक्राफ्ट के बाहर लगी है और आगे-पीछे झूलती रहती है.

इंजीनियरिंग का कमाल: वहीं जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि इससे मंगल की सतह पर चलने वाली हवाओं के बारे में पता लगाया जा सकता है. साइंस जर्नल में प्रकाशित हुए अध्ययन में 2016 से 2018 के बीच के प्रत्येक महीने के केवल दो दिन के डाटा का इस्तेमाल किया गया है. नासा के गोडार्ड फ्लाइट सेंटर में कार्यरत और अध्ययन के सह लेखक मेहदी बेना ने कहा कि अंतरिक्ष यान और उसके उपकरण को किस तरह संचालित करना है यह भी एक चतुर इंजीनियरिंग है. क्योंकि, कुछ ऐसा ही करके वैज्ञानिकों ने उस स्पेसक्राफ्ट और उपकरण से हवा की माप को संभव बनाया जो इस काम के लिए बने ही नहीं थे.

हवा के पैटर्न का किया मिलान: जंहा शोधकर्ताओं ने मंगल के ऊपरी वातावरण में पाए गए हवा के पैटर्न का मिलान सैद्धांतिक माडलों से की गई भविष्यवाणी से किया. कहा गया कि मंगल पर हवा का औसतन परिसंचरण पैटर्न बहुत स्थिर है. हलांकि, कुछ समय के लिए हवा की परिवर्तनशीलता अनुमान से अधिक हो जाती है. वहीं शोधकर्ताओं ने बताया कि अभी इस क्षेत्र में और अधिक काम करने की जरूरत है. 

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