टोयोटा अपने बयान से पलटी, ना कहने के बाद कंपनी ने देश में विस्तार योजना की बनाई रणनीति

टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन देश में अपने व्यवसाय के विस्तार नहीं करने के बयान से पलट गई है। मंगलवार को ऑटो निर्माता ने कहा कि वह इंडियन मार्केट के लिए प्रतिबद्ध है तथा उसकी इंडियन यूनिट ने 2,000 करोड़ से अधिक के इंवेटमेंट का ऐलान किया है। कंपनी ने यह रिएक्शन मीडिया रिपोर्ट के पश्चात् दी जिसमें कंपनी के एक टॉप ऑफिसर ने कहा कि कंपनी अपनी विस्तार रणनीति को रोक देगी क्योंकि देश में कारों पर टैक्स काफी अधिक है। 

टोयोटा की इंडियन यूनिट टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स के उपाध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, "देश में टिकाऊ गतिशीलता का भविष्य स्ट्रांग है तथा टोयोटा इस यात्रा का भाग बनने पर प्राउड महसूस करती है। हम गाड़ियों के विद्युतीकरण के लिए 2000+ करोड़ रुपये का इंवेटमेंट कर रहे हैं।" विक्रम किर्लोस्कर का इस बयान से पूर्व टोयोटा के इंडियन इकाई टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरमैन शेखर विश्वनाथन ने कहा था कि गवर्मेंट ने कार तथा मोटरसाइकिल पर अधिक टैक्स लगा रखा है जिससे कंपनियों को अपने कारोबार को बढ़ाने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 

साथ ही उन्होंने कहा, अधिक टैक्स के कारण गाड़ियां यूजर्स की पहुंच से बाहर हो रही हैं। इसका अर्थ यह भी है कि फैक्ट्रियों में काम नहीं होगा तथा नौकरियां पैदा नहीं होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, विश्वनाथन ने एक इंटरव्यू में अधिक टैक्स तथा व्यवसाय के मुद्दे पर कहा था कि, "हमारे यहां आने तथा इन्वेस्टमेंट करने के पश्चात् यह मैसेज प्राप्त हुआ कि हम आपको नहीं चाहते हैं।" टोयोटा विश्व की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में शुमार है। वही अब कंपनी के इस बयान ने सभी को असमंजस में दाल दिया है।

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