तालिबानी राज में अफगानिस्तान का 102वां स्वतंत्रता दिवस, सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ #donotchangenationalflag

काबुल: आतंकी संगठन तालिबान के शासन में अफगानिस्तान गुरुवार को अपना 102वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है और इसी दौरान यहां के लोगों ने देश के राष्ट्रीय ध्वज का समर्थन करते हुए इसे नहीं बदलने की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर '#donotchangenationalflag' अभियान आरंभ किया है। इस अभियान के तहत हज़ारों की संख्या में लोगों ने देश के लाल, हरे और काले राष्ट्रीय ध्वज का मुखर समर्थन किया, जिसे तालिबान ने पूरे देश से हटा दिया है और सभी स्थानों पर अपने सफेद झंडे लगा दिए हैं। 

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने देश का राष्ट्रीय ध्वज फहराया और 'अफगानिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए। वहीं, कुछ युवा हालांकि तालिबानी झंडे का समर्थन करते भी दिखाई दिए। काबुल में बड़ी तादाद में युवा तालिबान के बैनर और झंडे के साथ दिखाई दिए। उन्होंने तालिबान के झंडे वाले बंदाना (एक प्रकार का बड़ा रुमाल) भी बांध रखे थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तालिबान के सफेद बैनर में अरबी में लिखा है 'ला इलाह इला अल्लाह, मोहम्मद रसूल अल्लाह' जिसका मतलब होता है, 'अल्लाह के अलावा कोई ईश्वर नहीं है और मोहम्मद अल्लाह के दूत हैं'। कई जगहों से स्थानीय लोगों के राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए। कुछ वीडियो और तस्वीरों में अफगान पुरुषों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए खंबों पर चढ़े हुए देखा जा सकता है।

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