आचार्य बालकृष्ण को भीष्म पुरस्कार से किया गया सम्मानित

पुणे : पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण को भीष्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार स्वरूप उन्हें प्रशस्ति पत्र श्रीफल और पांच लाख रुपये भी प्रदान किए गए। इस अवसर पर आचार्य महाराज ने कहा कि भारत के इतिहास को वही व्यक्ति लिख सकता है, जो भारत के गौरव से परिचित हो और साथ ही अतीत की पीड़ा को भी समझता हो। 

समस्या नहीं समाधान बनना होगा पुणे स्थित संत श्री ज्ञानेश्वर गुरुकुल में इतिहासाचार्य स्वर्गीय  डॉ श्रीपाद दत्तात्रेय कुलकर्णी की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण को यह पुरस्कार दिया गया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि डॉ कुलकर्णी ऐसे ही संकल्पशील व्यक्तित्व के स्वामी थे। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि मराठी भाषा में इतिहास और आयुर्वेद के क्षेत्र में उनके द्वारा दिए गए योगदान को दूसरी भाषाओं में भी प्रकाशित किया जाना चाहिए। 

कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि दुनिया में अगर हमें कुछ कर गुजरना है तो हमें समस्या नहीं समाधान बनना होगा। उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव के अथक प्रयासों से आज दुनिया को योग और आयुर्वेद की शक्ति दिखाई दे रही है और दुनिया उसकी ओर ललायित हो रही है। कार्यक्रम में स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज की उपस्थिति के साथ पद्म विभूषण डॉ संचेती, डा. रविंद्र कुलकर्णी आदि लोग मौजूद थे।

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