भारतीय इतिहास मेें इस्लामिक धर्म को और उसकी पैरवी करने के लिए मुहम्मद अब्दुल हक अंसारी का नाम सबसे पहले आता है। अंसारी का जन्म 1 सितंबर 1931 को उत्तरप्रदेश में हुआ था और वे मुख्य रूप से इस्लाम धर्म को ज्यादा महत्व देते थे। अब्दुल अंसारी की मृत्यु 3 अक्टूबर 2012 में हुई। वे मुख्य रूप से जमात-ए-इस्लामी हिंद की केंद्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य थे। वह जामिया इस्लामिया, केरल के शांतपुरम के कुलपति भी रहे। भारत में इस्लाम और कुरान के बारे में सबसे ज्यादा जानने वाले अंसारी ही थे, उन्होंने दिल्ली में इस्लामी एकेडमी में सबसे आगे रहे इस्लामी संस्थान की नींव रखी थी। इस संस्थान का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के साथ साथ मदरसा पाठ्यक्रम के आधार पर इस्लामी विज्ञान को भी बांटना था। मुहम्मद अंसारी ने अलीगढ़ में अरबी दर्शनशास्त्र और इतिहास का अध्ययन किया और 1957 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविदृयालय से बीए किया। देश में अध्ययन करने के बाद अंसारी ने देश में मुस्लिम भाषा को ज्यादा महत्व देते हुए दर्शनशास्त्र का ज्ञान भी प्राप्त किया मुख्य रूप से इस्लाम को ही मानने वाले अंसारी ने देश में अमन और शांति के लिए भी कई कार्य किए और इसके अलावा देश के मुस्लिमों के विकास हेतु कई विश्वविद्यालयों में अध्ययन करते हुए उन्हें भी शिक्षा दी। वे एक लेखक के रूप में भी कार्य करते थे। गांधी जयंती पर इन बॉलीवुड स्टार्स ने दी श्रद्धांजलि हाथरस की सच्चाई पर पड़ा पर्दा, विपक्ष-मीडिया की गांव में एंट्री हुई बंद ओडिशा में कोरोना के रिकवरी रेट में हुई वृद्धि